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बजट की ABCD- क्या होता है करंट अकाउंट डेफिसिट ?

करंट अकाउंट डेफिसिट राष्ट्रीय आयात और निर्यात के बीच के अंतर को दर्शाता है

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क्विंट हिंदी आपके लिए लाया है स्पेशल सीरीज बजट की ABCD, जिसमें हम आपको बजट से जुड़े कठिन शब्दों को आसान भाषा में समझा रहे हैं.. इस सीरीज में आज हम आपको क्या होता है करेंट अकाउंट डेफिसिट का मतलब समझा जा रहे हैं.

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करेंट अकाउंट डेफिसिट क्या है

करेंट अकाउंट घाटा डेफिसिट यह तब होता है जब हमारे द्वारा आयात की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य हमारे द्वारा निर्यात की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य से अधिक हो जाता है.दूसरे देशों को बेचे जाने वाली चीजों से मिलने वाला पैसा दूसरे देशों से खरीदी जाने वाली चीजों के लिए लगाए गए पैसे से कम है, तो उसे करंट अकाउंट डेफिसिट कहा जाता है

करंट अकाउंट डेफिसिट राष्ट्रीय आयात और निर्यात के बीच के अंतर को दर्शाता है

करंट अकाउंट में दो तरह के व्यापार शामिल

करंट अकाउंट में दो तरह के व्यापार शामिल होते है. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष. अग्रेजी में इन्हें विजिबल और इनविजिबल कहते हैं.

करंट अकाउंट डेफिसिट राष्ट्रीय आयात और निर्यात के बीच के अंतर को दर्शाता है

विजिबल -जब कोई सामान खरीदा और बेचा जाता है तो उसे विजिबल बिजनेस में शामिल किया जाता है

इनविजिबल - बैंकिंग सुविधाएं, इंश्योरेंस और विदेशों में रह रहे लोगों की ओर से भारत में भेजा जाने वाला और भारत में रहने वाले विदेशियों की ओर से अपने देश में भेजा जाने वाला पैसा शामिल होता है

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यह कुल जीडीपी का 2.5 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए.करंट अकाउंट डेफिसिट जितना ज्यादा होगा, इसका मतलब है कि भारत को उतना ज्यादा पैसा विदेशों को चुकाना होगा. अब भारत विदेशों से व्यापार डॉलर में करता है, तो भारत को ज्यादा डॉलर खर्च करने पड़ेंगे

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