पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बजट पर बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बजट को सबके लिए फायदेमंद बताया. आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की बात करते हुए उन्होंने कहा- 7-8 साल पहले भारत की GDP 1,10,000 करोड़ रुपये थी और आज भारत की अर्थव्यवस्था लगभग 2,30,000 करोड़ रुपये है वर्ष 2013-14 में भारत का एक्सपोर्ट 2,85,000 करोड़ रुपये होता था और आज ये लगभग 4,70,000 करोड़ रुपये पहुंचा है.
"यह बजट गरीबों, मध्यम वर्ग और युवाओं पर केंद्रित है और उन्हें बुनियादी जरूरतें मुहैया कराने का लक्ष्य है. हमारी सरकार बुनियादी सुविधाओं के प्रावधान पर काम कर रही है. "इस समय 100 साल में आई सबसे बड़ी वैश्विक महामारी से देश लड़ रहा है. कोरोना का ये कालखंड दुनिया के लिए अनेक चुनौतियां लेकर आया है. दुनिया उस चौराहे पर आकर खड़ी हो गई है, जहां टर्निंग प्वाइंट निश्चित है. आगे जो दुनिया जो हम देखने वाले हैं, वो वैसी नहीं होगी, जैसी कोरोना से पहले थी.
पीएम ने कहा ये समय नए अवसरों का है, नए संकल्पों की सिद्धि का समय है. बहुत जरूरी है कि भारत आत्मिनिर्भर बने और आत्मनिर्भर भारत की नींव पर एक आधुनिक भारत का निर्माण हो. उन्होंने कहा कि 2013-14 में भारत का एक्सपोर्ट 2 लाख 85 हजार करोड़ रुपये होता था. आज भारत का एक्सपोर्ट 4 लाख 70 हजार करोड़ रुपये का आसपास पहुंचा है.
अब करीब 9 करोड़ ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंचने लगा है, इसमें से करीब 5 करोड़ से ज्यादा पानी के कनेक्शन जल जीवन मिशन के तहत पिछले 2 सालों में दिए गए हैं. बजट में घोषणा की गई है कि इस साल करीब 4 करोड़ ग्रामीण घरों को पानी का कनेक्शन दिया जाएगा.
विशेष रूप से केन-बेतवा को लिंक करने के लिए जो हज़ारों करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, उससे यूपी और एमपी के बुंदेलखंड क्षेत्र की तस्वीर भी बदलने वाली है। अब बुंदेलखंड के खेतों में और हरियाली आएगी, घरों में पीने का पानी आएगा, खेतों में पानी आएगा.
इस साल के बजट में पीएम किसान सम्मान नीधि के तहत 68 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. ये राशि भी पिछले साल की तुलना में ज्यादा है. इसका लाभ भी देश के करीब 11 करोड़ किसानों को होगा.
युवाओं पर क्या बोले पीएम?
युवाओं को शिक्षा और स्किल के बेहतर अवसर देने के लिए बीते सालों में तकनीक का दायरा निरंतर बढ़ाया गया है, इस बजट में इसे विस्तार देते हुए पहली डिजिटल यूनिवर्सिटी बनाने का फैसला किया गया है, इससे गरीब बच्चे भी छोटे मोटे कोर्स, क्वालिटी एजुकेशन के साथ आसानी से कर पाएगा।
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