त्योहारी सीजन में सब्जियों की महंगाई ने आम उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ा दी है. आलू, टमाटर और प्याज समेत सब्जियों के दाम आसमान पर हैं और फिलहाल राहत मिलने की गुंजाइश नहीं दिख रही है. सब्जी कारोबारी बताते हैं कि मॉनसून के आखिरी दौर में जगह-जगह हुई भारी बारिश में फसल खराब होने की वजह से आवक कमजोर है.
प्याज का थोक भाव थोड़ा नरम हुआ है लेकिन खुदरा भाव में कोई बदलाव नहीं है. प्याज का थोक भाव 12.50 रुपये से 35 रुपये किलो है जबकि खुदरा भाव 45 रुपये 60 रुपये प्रति किलो चल रहा है. टमाटर के दाम में बीते दिनों थोड़ी कमी आई थी, लेकिन अब फिर दाम में तेजी आ गई है.
ग्रेटर नोएडा के सब्जी विक्रेता बलवीर ने कहा कि थोक मंडियों में सब्जियों की आवक कम है और भाव ज्यादा है इसलिए उन्हें भी ऊंचे भाव पर सब्जियां बेचनी पड़ रही हैं.
चैंबर्स ऑफ आजादपुर फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट एमआर कृपलानी का भी यही कहना है कि मांग के मुकाबले आपूर्ति कम होने से भाव तेज है.
कारोबारी बताते हैं कि आगे नवरात्र का त्योहार शुरू हो रहा है जिस दौरान उत्तर भारत में ज्यादातर लोग नॉन-वेज नहीं खाते हैं, इसलिए सब्जियों की मांग बढ़ जाती है और आवक में भी जल्द सुधार की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है. लिहाजा, सब्जियों की महंगाई से फिलहाल राहत मिलने की गुंजाइश नहीं है.
दिल्ली-एनसीआर में 12 अक्टूबर को सब्जियों के खुदरा दाम (रुपये प्रति किलो):
- आलू- 45-55
- प्याज- 45-60
- टमाटर- 60-70
- फूलगोभी- 120-150
- बंदगोभी- 70-80
- लौकी/घीया - 60
- तोरई - 60
- भिंडी - 60
- खीरा- 50-60
- कद्दू- 50
- बैंगन- 60
- शिमला मिर्च-120-150
- पालक -60
- करेला -80
- परवल -80
- कच्चा पपीता -50
- कच्चा केला -50
- टिंडा -100
- कुंदरु -60
- मटर- 200
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