रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) गुजरात के जामनगर जिले में दुनिया के सबसे बड़े चिड़ियाघर का निर्माण करेगी.
यह लगभग 280 एकड़ जमीन पर बनने वाला चिड़ियाघर होगा, जो जामनगर में मोती खावडी स्थित कंपनी के रिफाइनरी प्रोजेक्ट के पास है. चिड़ियाघर को रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के चेयरमैन मुकेश अंबानी के सबसे छोटे बेटे अनंत अंबानी का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जा रहा है.
यह गुजरात वन विभाग को उन बड़ी बिल्लियों को शरण देने में मदद करने के लिए कंपनी की सीएसआर गतिविधियों का एक हिस्सा भी होगा, जो घायल हो गई हैं और उन्हें बचाया गया है.
ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन किंगडम में दुनियाभर से पक्षियों, सरीसृपों और जानवरों की लगभग 100 विभिन्न प्रजातियां होंगी. इसमें स्लॉथ बियर, कोमोडो ड्रैगन, भारतीय भेड़िये, रोजी पेलिकन, फिशिंग कैट्स, हिरण और अन्य दुर्लभ और आकर्षक जानवर होंगे. चिड़ियाघर में चीता, जिराफ, हाथी और अफ्रीका के शेर और अन्य जानवरों के साथ ही शुतुरमुर्ग भी होंगे.
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, रिलायंस में कोरपोरेट मामलों के डायरेक्टर परिमल नाथवानी ने बताया कि यह एनीमल वेंचर 2023 में खुलेगा. हालांकि, रिलायंस के एक रिप्रिजेंटेटिव ने प्रोजेक्ट की लागत पर टिप्पणी करने या आगे की डीटेल्स बताने से इनकार कर दिया.
पब्लिक-फेसिंग वेंचर्स की तरफ बढ़ा अंबानी परिवार का ध्यान
अंबानी परिवार के साम्राज्य का विस्तार तकनीक और ई-कॉमर्स तक है. इसके अलावा, वे मुंबई इंडियंस क्रिकेट टीम के मालिक भी हैं और उन्होंने 2014 में एक फुटबॉल लीग भी शुरू की थी.
वक्त के साथ इस परिवार का ध्यान पब्लिक-फेसिंग वेंचर्स की तरफ बढ़ा है- यहां तक कि मुकेश की पत्नी, नीता 2019 में न्यूयॉर्क के मेट्रोपॉलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट के बोर्ड में भी शामिल हुई थीं.
केंपडेन वेल्थ में डायरेक्टर ऑफ रिसर्च रेबेका गूच अंबानी परिवार को लेकर कहती हैं, ''उनके पास कल्पना को वास्तविकता में बदलने के लिए इकनॉमिक हॉर्सपावर है. इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''पब्लिक स्पेस में निवेश परिवार और उसकी कंपनी, दोनों की छवि की मदद सकता है.''
ब्लैक पैंथर्स के "निजीकरण" पर असम में विरोध
असम के एक सरकारी चिड़ियाघर से अंबानी परिवार के आगामी चिड़ियाघर में दो ब्लैक पैंथर्स के ट्रांसफर के मामले पर एक्टिविस्ट विरोध जता रहे हैं.
टेलीग्राफ के मुताबिक, मंच के जनरल सेक्रेटरी राजकुमार बैश्य ने इस मामले पर कहा, ‘’सेंट्रल जू अथॉरिटी के नियमों के मुताबिक, एक्सचेंज केवल सरकारी चिड़ियाघरों के बीच ही हो सकता है, न कि किसी सरकारी और निजी चिड़ियाघर के बीच. हम चाहते हैं कि पैंथर्स को वापस लाया जाए. हम अपने संसाधनों को किसी भी निजी पार्टी को सौंपने की अनुमति नहीं दे सकते.’’
वहीं गुवाहाटी चिड़ियाघर की देखरेख करने वाले डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर तेजस मारीस्वामी ने कहा कि नवंबर में केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) की जरूरी मंजूरी के साथ ब्लैक पैंथर्स के एक जोड़े को जनवरी में एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत रिलायंस जू में रिलोकेट किया गया था.
(इनपुट: IANS से भी)
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