गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के तहत सोने पर 3 फीसदी की दर से टैक्स वसूला जाएगा. पहले इस पर 2 फीसदी की दर से टैक्स लगता था. अब वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) ने इसे बाजार को ‘बिगाड़ने’ वाला बताया है और कहा है कि आने वाले दिनों में कस्टमर्स के खरीदारी के व्यवहार में बदलाव होगा. काउंसिल ने ये भी कहा है कि इसका कुल असर मार्केट पर सकारात्मक (पॉजिटिव) होगा.
WGC ने गुरुवार को रिपोर्ट में कहा-
GST के कारण हम कस्टमर्स के व्यवहार में बदलाव देखेंगे. 26 साल के हमारे आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि टैक्स की उंची दर उपभोक्ताओं को रोकने का काम करते हैं. इसलिए उपभोक्ताओं के फायदे के लिए इसमें बदलाव होना चाहिए.
'जीएसटी का भारत के स्वर्ण बाजार पर असर' शीर्षक रिपोर्ट में कहा गया कि सोने के कस्टमर्स को टैक्स की थोड़ी ऊंची दरों का सामना करना पड़ेगा, पूरी इंडस्ट्री में इसको स्वीकार करने में और पटरी पर लाने में थोड़ा समय लगेगा.
इस रिपोर्ट में कहा गया है, "हमारा मानना है कि थोड़े समय में जीएसटी बाजार बिगाड़नेवाला होगा, लेकिन उद्योग धीरे-धीरे समायोजित हो जाएगी. इंटर स्टेट गोल्ड स्टॉक के ट्रांसफर के कारण मैन्युफैक्चरर्स और रिटेल विक्रेताओं का कैपिटल थोड़े समय के लिए बंध जाएगा."
भारत में सोने की मांग बढ़ी है: WGC
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) ने मई के महीने में आंकड़े जारी किए थे. इसके मुताबिक जहां दुनियाभर में सोने की मांग में कमी आई है वहीं देश में मांग में इजाफा हुआ है. आंकड़ों के मुताबिक
इस साल जनवरी से मार्च महीने में देश में सोने की मांग में 15 फीसदी का इजाफा हुआ है. वहीं दुनियाभर में इस दौरान 18 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है.
देश में साल 2017 की पहली तिमाही में सोने की मांग 123.5 टन रही, जबकि साल 2016 साल की पहली तिमाही में ये 107.3 टन थी. वहीं सोने की ग्लोबल डिमांड की बात करें तो वो 2017 की पहली तिमाही में 1,034 टन रही, जो 2016 की पहली तिमाही की तुलना में 18 फीसदी कम है.
WGC की रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में इस दौरान कुल 32,420 करोड़ रुपये के सोने की बिक्री हुई. पिछले साल इसी अवधि में 27,540 करोड़ रुपये के सोने की बिक्री हुई थी.
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