अत्यधिक संक्रामक माने जा रहे कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के आने के साथ भारत में कोरोना (COVID-19) के मामले एक बार फिर खतरनाक तेजी से बढ़ने लगे हैं. 7 जनवरी की सुबह 9 बजे तक देश में पिछले 24 घंटों के अंदर कोविड-19 के 1,17,100 नए मामले दर्ज किए गए. देश के केसलोड में ओमिक्रॉन वेरिएंट के 3,007 मामले शामिल हैं.
जहां कोरोना का डेल्टा वेरिएंट महामारी की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार था वहीं ओमिक्रॉन वेरिएंट से तीसरी लहर का डर बढ़ रहा है. बढ़ते ओमिक्रॉन के मामलों और साथ में डर के बीच सवाल है कि कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा वेरिएंट से कितना खतरनाक है? जसलोक हॉस्पिटल के डॉ. पिनांक पंड्या बता रहे हैं इस बीमारी के लक्षण और इसका इलाज.
कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा वेरिएंट से कितना खतरनाक है?
डॉ. पिनांक पंड्या- ओमिक्रॉन वेरिएंट के लक्षण बहुत माइल्ड (हल्के) हैं. कोई ज्यादा बीमार नहीं पड़ रहा है, उन्हें ऑक्सीजन- वेंटिलेटर की जरूरत नहीं पड़ रही है. केवल 10-15% लोगों में ही लक्षण दिख रहे हैं, बाकी 85-90% केस में कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं.
ओमिक्रॉन वेरिएंट में भी बुखार और खांसी जैसे लक्षण हैं लेकिन डेल्टा वेरिएंट से अलग इसमें सर दर्द, बदन दर्द, जुकाम और सुस्ती जैसे लक्षण भी ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित मरीजों में है.
ओमिक्रॉन वेरिएंट के मरीजों के लिए क्या है इलाज?
डॉ. पिनांक पंड्या- ओमिक्रॉन के मामले में 90% लोगों को, जिन्हें कोई लक्षण नहीं दिख रहा है, दवा लेने की जरूरत नहीं है. जिनको लक्षण दिख रहे हैं उन्हें लक्षण के मुताबिक इलाज कराना चाहिए.
मरीज अपना इलाज खुद ना करें. वैक्सीनेशन के बावजूद लोग ओमिक्रॉन से संक्रमित हो रहे हैं. इसलिए चेतावनी और सावधानी जरूरी है.
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