"मेरे प्यारे जाम नगरवासियों और सभी क्रिकेट फैंस जैसा कि आप सभी जानते हैं कि यहां गुजरात विधानसभा चुनाव टी20 क्रिकेट की तरह तेजी से आगे बढ़ रहा है. बीजेपी ने मेरी पत्नी रिवाबा को उम्मीदवार बनाया है. इसलिए यह आपकी जिम्मेदारी है कि जीत का माहौल बनाया जाए."
ये चुनावी वोट मांगने की अपील भारतीय क्रिकेट टीम के 'सर' कहे जाने वाले ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा कर रहे हैं. अपनी पत्नी रिवाबा (Rivaba Jadeja) जडेजा के लिए. लेकिन जामनगर नॉर्थ की ये सीट जडेजा की वजह से ही नहीं बल्कि जडेजा की बहन नैनाबा और पत्नी की तकरार, साथ ही रिवाबा के कांग्रेसी कनेक्शन की वजह से भी हॉट सीट बन गई है.
क्यों इस खबर पर है नजर: दरअसल, रिवाबा रविंद्र जडेजा की पत्नी हैं और जडेजा भारतीय क्रिकेट टीम के अहम खिलाड़ी. बीजेपी ने अपने सीटिंग विधायक का टिकट काटकर जडेजा की पत्नी को टिकट दिया है. साथ ही जडेजा के पिता और बहन नैनाबा जडेजा की पत्नी के लिए नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी के लिए प्रचार कर रहे हैं. नैनाबा जामनगर कांग्रेस महिला मोर्चा की अध्यक्ष हैं.
फ्लैशबैक: रविंद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा और उनकी बहन के बीच तकरार की कहानी पुरानी है. रिवाबा 2019 लोकसभा चुनाव से पहले मार्च के महीने में बीजेपी में शामिल हुई थीं. वहीं रवींद्र जडेजा की बहन नैना जडेजा एक महीने बाद अप्रैल, 2019 में कांग्रेस से जुड़ गईं. दोनों ननद-भाभी अक्सर राजनीतिक तकरार की वजह से सुर्खियों में भी रहती हैं.
रिवाबा का कांग्रेस कनेक्शन, करणी सेना से भी रिश्ते
जडेजा की पत्नी रिवाबा राजकोट से ताल्लुक रखती हैं, उनके पिता एक बड़े उद्योगपति हैं. रीवाबा ने मैकेनिकल इंजीनियर की पढ़ाई की है और अब सोशल वर्क के साथ-साथ राजनाति में सक्रिय हैं. रिवाबा जडेजा के चाचा हरि सिंह सोलंकी गुजरात के कांग्रेस नेता हैं. वो कांग्रेस डेलिगेट और राजकोट शहर के महामंत्री हैं.
बीजेपी के अलावा रिवाबा सौराष्ट्र की करणी क्षत्रिय सेना की महिला विंग की अध्यक्ष भी रही हैं.
करणी सेना, जोकि एक क्षत्रिय-राजपूत समुदाय समूह है, जो खासतौर से गुजरात और राजस्थान में सक्रिय है और जिसने साल 2017 में पद्मावत फिल्म के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन किया था. साल 2018 में करणी सेना ने रीवाबा जडेजा को गुजरात राज्य में अपनी महिला शाखा का प्रमुख नियुक्त किया था.
वहीं रविंद्र जडेजा की बहन नैनाबा का राजकोट में एक होटल है. नैनाबा जडेजा और उनके पिता अनिरुद्धसिंह जडेजा अप्रैल 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए थे. नैनाबा के पास नर्सिंग की डिग्री है और वह अपने पैतृक शहर जामनगर में राज्य सरकार द्वारा संचालित जीजी जनरल अस्पताल में नर्स के रूप में काम करती थीं.
जडेजा के तीन भाई-बहनों में नैनाबा सबसे बड़ी हैं. कहा जाता है कि नैनाबा ने साल 2005 में मां के निधन के बाद परिवार को संभाला, यहां तक कि रवींद्र जडेजा के क्रिकेटिंग सपनों को साकार करने में भी मदद की. रविंद्र जडेजा और उनकी एक और बहन पद्मिनीबा शादीशुदा हैं, जबकि नैनाबा अविवाहित हैं. जाडेजा के पिता एक सुरक्षा एजेंसी में गार्ड का काम करते थे.
बता दें कि रविंद्र जडेजा के एक रेस्टोरेंट को मैनेज भी नैनाबा करती थीं, हालांकि साल 2019 की शुरुआत में हैदराबाद स्थित चिकित्सा व्यवसायी और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ श्वेता शेट्टी द्वारा बनाई गई एक राजनीतिक संगठन नेशनल विमेंस पार्टी में वो शामिल हो गई थीं.
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए नैनाबा ने परिवार और राजनीति पर जवाब देते हुए कहा था कि मैं अपने सिद्धातों और उसूलों पर काम करती हूं. हमारे घर में अधिकार है कि आपको जो ठीक लगे कर सकती हो. हमारे घर में महिलाओं का प्रभुत्व है.
वो आगे कहती हैं,
"मैं चार साल से कांग्रेस से जुड़ी हूं. न मैं रिवाबा से कुछ बोल सकती हूं और न वो मुझे कह सकती हैं. मैं आइडियोलॉजिकली पहले से ही उन लोगों से अलग हूं. मैं दिमाग पर ये सब नहीं लेती हूं, दिल से तो काफी पहले अलग हो चुकी हूं."
जडेजा की पत्नि और विवाद
रिवाबा जडेजा का कई बार विवादों में नाम आ चुका है.
साल 2018 में रिवाबा जडेजा पर आरोप लगा था कि उन्होंने अपनी कार से एक पुलिस कॉन्स्टेबल को टक्कर मारी थी. हालांकि रिवाबा ने आरोप लगाया था कि पुलिस कॉन्स्टेबल ने उनके बाल खींचे थे और थप्पड़ भी मारा था. जिसके बाद कॉन्टेबल पर कार्रवाई हुई और गिरफ्तार कर लिया गया था.
साल 2020 में मास्क न पहनने को लेकर पुलिसकर्मी के साथ नोक-झोंक की खबर आई थी. क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा का राजकोट में मास्क न पहनने को लेकर एक महिला पुलिस कॉन्स्टेबल के साथ कथित तौर पर झगड़ा हो गया था, हालांकि, रिवाबा ने उस वक्त कहा था कि "यह (चेकिंग) मास्क से संबंधित कुछ भी नहीं था क्योंकि हम सभी इसे पहने हुए थे" और आरोप लगाया कि कॉन्स्टेबल ने बुरा व्यवहार किया था.
सितंबर 2021 में कोरोना के दौरान रिवाबा और उनकी ननद के बीच मास्क न पहनने को लेकर विवाद हो गया था. दरअसल, रिवाबा एक कार्यक्रम में थीं, तब बड़ी तादाद में भीड़ इकट्ठा हुई थी. जहां कई लोगों ने महामारी संबंधी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया. इसी को लेकर नैनाबा ने कोविड-19 महामारी के बीच लापरवाह रवैये के लिए रिवाबा की आलोचना की और कहा कि जो लोग इस कार्यक्रम में मौजूद थे, वे गुजरात में संभावित कोरोना की तीसरी लहर के लिए जिम्मेदार होंगे.
जामनगर सीट का गणित
जामनगर नॉर्थ सीट 2008 के डिलिमिटेशन के बाद अस्तित्व में आई है. तबसे लेकर अबतक एक बार बीजेपी और एक बार कांग्रेस ने इस सीट पर जीत हासिल की है. हालांकि दोनों ही बार उम्मीदवार एक ही थे. धर्मेन्द्र सिंह जडेजा. धर्मेन्द्र ने साल 2012 में कांग्रेस के टिकट पर बीजेपी के उम्मीदवार को हराकर चुनाव जीता था, लेकिन 2017 में चुनाव में उन्होंने पाला बदला और बीजेपी से चुनाव लड़ा, और जीत भी गए.
अब बीजेपी ने धर्मेंद्र सिंह का टिकट काटकर रविंद्र जडेजा की पत्नी को टिकट दिया है. धर्मेंद्र सिंह के निर्दलीय चुनाव लड़ने की अटकलें हैं, हालांकि उनपर कई आपराधिक मामले चल रहे हैं. वहीं कांग्रेस ने बिपेंद्र सिंह जडेजा को अपना उम्मीदवार बनाया है. बिपेंद्र सिंह जहां स्थानीय हैं, वहीं रिवाबा के बाहरी होने की बात विपक्षी दल उठा रहे हैं.
2008 के डिलिमिटेशन के बाद जामनगर उत्तर और दक्षिण सीट बना. जामनगर उत्तर और जामनगर दक्षिण अलग होने से पहले विधानसभा जामनगर के रूप में जाना जाता था. जोकि 1985 से बीजेपी का गढ़ रहा है. बीजेपी ने 1985 और 2007 तक लगातार पांच बार इस सीट से चुनाव जीता था. हालांकि, साल 2012 में कांग्रेस उम्मीदवार धर्मेंद्रसिंह जडेजा ने यहां से चुनाव जीता, लेकिन 2017 में वो फिर बीजेपी के टिकट पर यहां से चुनाव लड़े और जीते भी.
कहा जाता है कि जामनगर उत्तर में अल्पसंख्यक समुदाय (मुस्लिम) के 43,000 मतदाता हैं, लगभग 24,000 दलित हैं, 23,000 क्षत्रिय समुदाय के लोग हैं, और कुछ 7,000 दलवाडी समुदाय के सदस्य हैं. जामनगर नॉर्थ सीट पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही क्षत्रिय जाति के उम्मीदवार को मैजान में उतारा है.
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