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वाजिद खान की पत्नी का आरोप- परिवार ने धर्म बदलवाने की कोशिश की थी

वाजिद खान की पत्नी कमलरुख ने अपने पोस्ट में धर्मांतरण के खिलाफ कानून की भी वकालत की.

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दिवंगत म्यूजिक कंपोजर वाजिद खान की पत्नी कमलरुख खान ने वाजिद खान के परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कमलरुख ने एक लंबे-चौड़े इंस्टाग्राम पोस्ट में आरोप लगाया कि उनके दिवंगत पति और उनके परिवार ने उन्हें इस्लाम धर्म में परिवर्तित करने के लिए मनाने की बहुत कोशिश की थी. दोनों की शादी स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत हुई थी.

कमलरुख ने अपने पोस्ट में लिखा, “हम उनके और उनके परिवार की धार्मिक मान्यताओं के कारण कभी परिवार का हिस्सा नहीं हो पाए. उनकी असामयिक मृत्यु के बाद, उनके परिवार की तरफ से उत्पीड़न आज भी जारी है.”

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कमलरुख ने अपने पोस्ट में वाजिद के साथ रिश्ते में आयी कड़वाहट की भी बात कही. उन्होंने लिखा,

“मैंने धर्म परिवर्तन करने से इनकार किया जिसकी वजह से हम दोनों के बीच दूरियां आ गईं और इस वजह से हमारा रिश्ता खराब हो गया.”

कमलरुख ने कहा कि वह चाहती हैं कि धर्मांतरण के खिलाफ कानून का राष्ट्रीयकरण हो, जिससे उनके जैसी महिलाओं का संघर्ष कम हो.

इसी साल, 1 जून को वाजिद खान का इंतकाल हो गया था. साजिद-वाजिद की जोड़ी ने बॉलीवुड को कई सुपरहिट गाने दिए हैं. ‘दबंग’ सीरीज, ‘पागलपंती’, ‘हीरोपंती’, ‘मैं तेरा हीरो’, ‘जुड़वा 2’, ‘चश्मे बद्दूर’, ‘हिम्मतवाला’, ‘एक था टाइगर’, ‘हाउसफुल 2’, ‘वीर’, ‘वॉन्टेड’, ‘गॉड तुस्सी ग्रेट हो’, ‘वेलकम’, ‘पार्टनर’, ‘मुझसे शादी करोगी’, ‘तेरे नाम’, ‘हम तुम्हारे हैं सनम’ और ‘हैलो ब्रदर’ जैसी फिल्में शामिल हैं.

कंगना का भी आया रियक्शन

कंगना ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है. कंगना रनौत ने लिखा है "पारसी इस राष्ट्र में वास्तविक अल्पसंख्यक हैं, वे आक्रमणकारियों के रूप में नहीं आए, बल्कि वे सीखने वाले के रूप में आए थे और धीरे-धीरे भारत माता के साथ उनका प्रेम हो गया. उनकी छोटी आबादी ने इस राष्ट्र की सुंदरता-वृद्धि और अर्थव्यवस्था में बहुत योगदान दिया है."कंगना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक सवाल किया कि हमारा राष्ट्र पारसी जैसे अल्पसंख्यक समुदायों की रक्षा कैसे कर रहा है.

अभिनेत्री ने लिखा, "वह मेरे दोस्त की विधवा है जो एक पारसी महिला है, जिसे उनके परिवार द्वारा धर्म परिवर्तन के लिए परेशान किया जा रहा है. मैं पीएमओ इंडिया से पूछना चाहती हूं कि जो अल्पसंख्यक ड्रामा, सुर्खियां बटोरने, दंगे और धर्मांतरण की सहानुभूति नहीं रखते, हम उनकी रक्षा कैसे कर रहे हैं? पारसियों की संख्या आश्चर्यजनक तौर पर कम हुई है."

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