ADVERTISEMENTREMOVE AD

Friendship Day: लड़ेंगे, भिड़ेंगे और मरेंगे, लेकिन ये दोस्ती नहीं तोड़ेंगे

भले जिंदगी में सौ गम हैं, लेकिन अच्छा दोस्त हो तो सब कम हैं.

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

नये जमाने में अब दोस्ती बस दोस्त की हां में हां मिलाना नहीं रह गया, बल्कि एक दूसरे की खूब टांग खींचना, मजाक करना, साथ मौज मस्ती करना और इन सबके ऊपर मुश्किल वक्त में एक चट्टान की तरह साथ खड़े रहना है. दोस्ती का यही भाव देखने को मिलता है कुछ टॉप सीरीज और फिल्मों में, जिसमें मैसेज साफ है कि भले जिंदगी में सौ गम हैं, लेकिन अच्छा दोस्त हो तो सब कम हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

श्रीकांत और जेके नए जमाने के जय और वीरू

सुपरहिट सीरीज 'फैमिली मैन' में एक डायलॉग है, जिसमें जेके श्रीकांत को कॉर्पोरेट जॉब छोड़ने की वजह पूछता है तो बदले में श्रीकांत कहता है, "तेरी बड़ी याद आ रही थी बता चुम्मे देगा." एक और सीन में जब जेके को गोली लगती है, तो श्रीकांत उसको एक गाली देते हुऐ कहता है कि "बिना मेरे रेड पर गया तो अगली बार मैं ही गोली मार दूंगा."

'फैमिली मैन' में श्रीकांत तिवारी का कैरेक्टर प्ले किया है मनोज वाजपेयी ने और जेके तलपड़े का किरदार निभाया है शारीब हाशमी ने. सीरीज में जो दोनों की रियल फ्रेंडशिप दिखती उसे देखकर सबका मन खुश हो जाता है. हर एपिसोड में वो दोनों एक दूसरे पर टॉन्ट मारते, गाली गलौच करते दिखते हैं, लेकिन बिन बोले एक-दूसरे की हर वक्त परवाह करना भी दर्शकों की नजरों से बचा नहीं. सबसे खास बात कि दोनों की दोस्ती में कोई बनावट नहीं, बल्कि बड़ी सच्ची सी और प्यारी सी दोस्ती हैं

तारा और करन की ‘मेड इन हैवन’ दोस्ती

'कुछ कुछ होता है' फिल्म का फेमस डायलॉग है कि एक लड़का और लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते, लेकिन ये बात 'मेड इन हैवन' सीरीज के स्टार तारा और करन के बीच लागू नहीं होती. लड़का-लड़की का मतलब हमेशा प्यार ही नहीं होता. कई बार वो अच्छे दोस्त भी हो सकते हैं. इस सीरीज में वो दोनों न सिर्फ दोस्त हैं, बल्कि बेस्ट बिजनेस पार्टनर भी हैं. उनकी पर्सनल लाइफ में जो भी ट्विस्ट एंड टर्न आते हैं, उससे उनकी दोस्ती पर कोई आंच नहीं आती उल्टा मुश्किल वक्त में वो दोनों एक-दूसरे का सहारा बनते हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सोनू और टीटू की दोस्ती स्वीटी से ऊपर

कार्तिक आर्यन की इस फिल्म को तो यंगस्टर ने सिर्फ उनकी दोस्ती की वजह से ही दिल में बिठा लिया. इसकी स्टोरी में खास यही था कि सोनू का दोस्त टीटू अपनी प्रेमिका का चुनता है या दोस्त को और आखिर में टीटू अपना दोस्त का साथ देता है. फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे टीटू का का दोस्त उसे गलत रिलेशनशिप में फंसने से बचाने के लिए किसी भी हद तक चला जाता है. पूरी फिल्म में 'ब्रोमांस वर्सेस रोमांस' की लड़ाई है, जिसमें फिल्म की हीरोइन कहती है कि 'दोस्ती और लड़की में हमेशा लड़की जीतती है', लेकिन फिल्म के आखिर में जीत दोस्ती की होती है. पूरी फिल्म में जो देखने लायक है वो है सोनू और टीटू की खास दोस्ती.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

'वीरे दी वेडिंग' की फ्रेंडशिप भी खास

फिल्म में करीना, सोनम, स्वरा और शिखा की दोस्ती रियल लाइफ में लड़कियों का फ्रेंडशिप गोल है. ये चारों अपनी गॉसिप से लेकर सेक्स लाइफ और हर तरह की छोटी-बड़ी बातें शेयर करती हैं. साथ में पार्टी करती हैं. साथ में वेकेशन पर जाती हैं, लेकिन सबके कोर में है उनकी वो दोस्ती, जिसमें एक दूसरे के लिए सिर्फ प्यार और सपोर्ट है. फिल्म की स्टोरी में जो दोस्ती है, उसने लड़कियों के बीच इस फिल्म को खास बना दिया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दोस्ती के नाम ‘फोर मोर शॉट्स प्लीज’

लड़कियों के लिए आइडियल फ्रेंडशिप अगर किसी वेब सीरीज ने सेट की है, तो वो है ‘फोर मोर शॉट्स प्लीज’. इस सीरीज में 4 बोल्ड एंड ब्यूटिफुल लड़कियों की कहानी है, जिसमें एक बाइसेक्सुअल है, एक सिंगल मदर है, एक सुपर एंबिशस है और एक थोड़ी सीधी-साधी है.

इन चारों की लाइफ में जो झमेले हैं और, अच्छे दिन और बुरे दिन आते-रहते हैं, लेकिन दोस्तों के रहने से उनका ये इंपरफेक्शन परफेक्शन में बदल जाता हैं. पूरी सीरीज में उनकी फैमिली नहीं, बल्कि दोस्ती को सबसे ऊपर दिखाया है. यहां तक कि फैमिली की सारी परेशानी भी दोस्तों के साथ मिलकर सॉल्व हो जाती हैं. ओटीटी पर रिलीज हुई ये सीरीज शहरी लड़कियों के बीच जबरजस्त हिट रही थी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×