फीचर फिल्म द केरला स्टोरी विवादों में है. जहां एक तरफ सोशल मीडिया पर कुछ लोग आरोप लगा रहे हैं फिल्म नफरत फैलाने काम कर रही है, वहीं दूसरी ओर अब महिलाओं की संख्या पर विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल दावा किया गया था कि यह फिल्म 32,000 महिलाओं पर आधारित एक कहानी है, लेकिन बाद में डायरेक्टर ने कहा कि यह केवल 3 लड़कियों की कहानी है, जिन्हें इस्लाम में परिवर्तित किया गया था और आईएसआईएस में शामिल करने के लिए उनकी तस्करी की गई थी.
मामला क्या है
नवंबर 2022 में जारी फिल्म के टीजर में कहा गया कि यह फिल्म "केरल में 32000 महिलाओं की दिल दहला देने वाली कहानियों" पर आधारित है. फिर 2 मई को फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के 24 घंटे बाद ही उस आंकड़े को बदल कर तीन लड़कियों की कहानी कर दिया गया. तब से इस आंकड़े पर कई सवाल खड़े हुए है, वहीं कई लोगों ने इसका विरोध कर इसे घोर अतिशयोक्ति करार दिया है.
डायरेक्टर ने क्या कहा
2 मई को नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में स्क्रीनिंग के एक कथित वीडियो में, फिल्म के डायरेक्टर सुदीप्तो सेन 32,000 के आंकड़े पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहते हैं: "क्या आपको लगता है कि संख्या वास्तव में मायने रखती है? 32,000 संख्या एक मनमानी संख्या नहीं है, यह तथ्यों पर आधारित है." द क्विंट ने डायरेक्टर से उनकी प्रतिक्रिया जानने के लिए संपर्क किया, लेकिन उन्होंने कहा कि वो इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.
'32,000 से 3': आंकड़ा कैसे बदला
2 मई 2023 को, टीजर और ट्रेलर में दिखाए गए आंकड़ों को जब बदला गया तो कई लोग ट्विटर पर सवाल पूछने लगे, केरल के पूर्व वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने सोशल मीडिया पर लिखा-
"केरल की 32000 लड़कियों के इस्लामिक स्टेट में शामिल होने की कहानी अब 'केरल के अलग-अलग हिस्सों की 3 लड़कियों की सच्ची कहानी' बन गई है. फिल्म के संघी निर्माताओं ने इसके ट्रेलर में Youtube पर अब संख्या को बदल दिया है. फिल्म पर हो रहे आक्रोश ने संख्या को एक ही दिन में 32,000 से 3 पर कम करने के लिए फिल्म निर्माताओं को मजबूर कर दिया है."
सोशल मीडिया पर क्या कह रहे लोग?
एक ट्विटर यूयजर ने टीजर का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए लिखा-
"'केरल में 32000 महिलाओं की दिल दहला देने वाली कहानियां' केवल 24 घंटों में 3 लड़कियों की कहानी बन जाती हैं. अगर यह सिर्फ 3 लड़कियों की कहानी है, तो उन्होंने इसे "द केरल स्टोरी" नाम देने की हिम्मत कैसे की? क्या यह नफरत फैलाने का तरीका है, यह एक राज्य का तिरस्कार है? इस पर कोई FIR नहीं होगी?"
राज्यसभा सांसद और CPI(M) नेता जॉन ब्रिटास सहित कुछ लोगों ने ट्वीट किया कि टीजर के नीचे दिए गए डिस्क्रिप्शन को भी 32,000 से "तीन महिलाएं" कर दिया गया है. हालांकि, क्विंट स्वतंत्र रूप से यह वेरिफाई नहीं कर सका है कि टीजर के डिस्क्रिप्शन में बदलाव किया गया था या नहीं.
मैं कोई टिप्णणी नहीं करूंगा- डायरेक्टर
द क्विंट से फोन पर बात करते हुए, सुदीप्तो सेन ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि आंकड़े के बारे में सवाल पूछना "घिसा-पिटा" था. "मुझे नहीं लगता कि इन सवालों से कोई फर्क पड़ेगा. यह बहुत घिसा-पिटा है. आप फिल्म देखें, आप इसके बारे में लिखें. मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि मुझसे जवाब न लें, मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा."
लेकिन मंगलवार को जेएनयू में एक स्क्रीनिंग के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए, फिल्म निर्माता ने कहा कि "संख्या मायने नहीं रखती" और "भले ही एक लड़की ने इस सबका सामना किया हो, फिर भी यह कहानी पूरे देश को बताने की जरूरत है." अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) द्वारा आयोजित स्क्रीनिंग पर अन्य राजनीतिक दलों के छात्रों ने फिल्म की इस स्क्रीनिंग का विरोध भी किया. इस मौके पर प्रोड्यूसर विपुल अमृतलाल शाह और एक्ट्रेस अदा शर्मा भी मौजूद थीं.
संख्या क्यों मायने रखती है
2021 में सिट्टी मीडिया (Citti Media) के साथ एक इंटरव्यू में, सेन ने कहा था कि केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी द्वारा केरल विधानसभा को दिए गए आंकड़ों के आधार पर वो 32,000 की संख्या पर पहुंचे थे. हालांकि, तथ्य की जांच करने वाली समाचार वेबसाइट AltNews ने पाया कि इस दावे का समर्थन करने के लिए "कोई सबूत नहीं" था.
सेन ने आगे सिट्टी मीडिया को बताया कि "2010 में, मैंने एक मामले का दस्तावेजीकरण किया था जहां उन्होंने (चांडी) कहा था कि हर साल लगभग 2,800 से 3,200 लड़कियां इस्लाम अपना रही हैं. यह संख्या लगभग आने वाले दस सालों में 3,200 से 32,000 हो जाएगी." लेकिन कुछ महीने पहले फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट AltNews से बात करते हुए, उन्होंने कहा:
लोग जो कहते है उन्हें कहने दें, फिल्म रिलीज होने के बाद मैं अपना डेटा साझा करूंगा, मैं अपनी फिल्म के उद्देश्य को क्यों हराऊं?"
संख्या का नहीं है कोई ठोस सबूत
AltNews ने यह भी पाया कि सेन के दावों की पुष्टि करने के लिए सार्वजनिक डोमेन में कोई ठोस सबूत नहीं है. पिछले साल से द केरला स्टोरी का टीजर आने के बाद से ही, केरल में एक राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने फिल्म को "खुलासा" करार दिया है और सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) और विपक्षी कांग्रेस ने इसे केरल को बदनाम करने के लिए संघ परिवार के एजेंडे का हिस्सा करार दिया है. फिल्म का ट्रेलर अब तक 17 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है.
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