दावा
सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे एक कार्ड में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) का हवाला देते हुए कहा गया है कि दुनिया में एक भी शाकाहारी इंसान कोरोनावायरस का मरीज नहीं पाया गया है.
सही या गलत?
आपको बता दें कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की अब तक की किसी रिपोर्ट में ऐसा कुछ नहीं बताया गया है कि कोई भी शाकाहारी व्यक्ति कोरोनावायरस से संक्रमित नहीं हुआ.
गुरुग्राम के आर्टेमिस हॉस्पिटल में मेडिकल सर्विसेज के चीफ और क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉ सुमित रे कहते हैं,
WHO ने किसी के शाकाहारी या मांसाहारी होने के आधार पर कोई टेस्ट नहीं किया है.
नोवल कोरोनावायरस की शुरुआत वुहान के एक सीफूड मार्केट से हुई, लेकिन अब तक इसके सोर्स के बारे में कुछ भी पुख्ता नहीं हो सका है.
कैसे फैल रहा है नोवल कोरोनावायरस का संक्रमण?
जितनी जानकारी मिल पाई है उसके मुताबिक अब नोवल कोरोनावायरस का इंफेक्शन इंसानों-से-इंसानों में फैल रहा है, जैसे:
संक्रमित शख्स से संपर्क- जब नोवल कोरोनावायरस से संक्रमित शख्स खांसता या छींकता है, तो बाहर निकले ड्रॉपलेट के जरिए इसका संक्रमण फैल सकता है.
ये ड्रॉपलेट आसपास की चीजों, सतहों और लोगों पर गिरती हैं. कोई दूसरा इंसान इन चीजों और सतहों को छूने के बाद अगर उसी हाथ से अपनीं आंख, नाक या मुंह को छू ले, तो उसे भी इसका संक्रमण हो सकता है.
संक्रमित शख्स से निकले ड्रॉपलेट को सांस के जरिए अंदर ले लेने से भी दूसरे लोग संक्रमित हो सकते हैं, इसीलिए बीमार लोगों से कम से कम 1 मीटर दूर रहने की सलाह दी जा रही है.
वहीं इस बात का कोई सबूत सामने नहीं आया है कि नॉन-वेज खाने से लोगों को नोवल कोरोनावायरस का संक्रमण हो रहा हो.
असल में WHO ने क्या सलाह दी है?
एक सामान्य सावधानी के तौर WHO की ओर से सलाह दी गई है कि किसी भी मांस-मछली वाले बाजार जाने पर सफाई का ख्याल रखना चाहिए.
इसमें जानवरों और उनके उत्पादों को छूने के बाद साबुन और पानी से हाथ धोना, आंखों, नाक या मुंह को हाथों से न छूना और बीमार जानवरों या खराब पशु उत्पादों से बचना शामिल है.
WHO की ओर से नॉन-वेज खाने से मना नहीं किया गया है बल्कि फूड सेफ्टी के तौर पर कच्चे या अधपके मांस न खाने यानी मांस को ठीक से पकाने और इन चीजों को इस्तेमाल करने के दौरान सफाई रखने की सलाह दी गई है.
(क्या कोई ऑनलाइन पोस्ट आपको गलत लग रही है और उसकी सच्चाई जानना चाहते हैं? उसकी डिटेल 9910181818 वॉट्सएप पर भेजें या webqoof@thequint.com पर मेल करें. हम उसकी सच्चाई आप तक पहुंचाएंगे.)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)