जो लोग सुबह के समय नाश्ता नहीं करते और रात का खाना बहुत देर से खाते हैं, उन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद बदतर परिणाम झेलने पड़ सकते हैं. एक स्टडी के आधार पर ऐसी चेतावनी दी गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, खाने से जुड़ी इन दो आदतों वाले लोगों में दिल का दौरा पड़ने के बाद अस्पताल से छुट्टी मिलने के 30 दिनों में चार से पांच बार मौत के करीब चले जाने, एक और दिल का दौरा, या एनजाइना (सीने में दर्द) पाया गया.
इस स्टडी को European Journal of Preventive Cardiology में पब्लिश किया गया है. इसमें रात के खाने और सोने के बीच कम से कम दो घंटे का अंतराल रखने की भी सलाह दी गई है.
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ के.के. अग्रवाल का कहना है कि भारतीयों में पेट के चारों ओर अधिक वसा एकत्र होने की प्रवृत्ति होती है, जिससे इंसुलिन प्रतिरोध हो सकता है. इसका एक प्रमुख कारण आज की जीवनशैली है.
ऑन-द-गो और तेज रफ्तार जीवन का मतलब है कि लोग सुबह का नाश्ता छोड़ देते हैं और दिन के बाकी समय अनहेल्दी, क्विक-फिक्स भोजन खाते हैं.डॉ के.के. अग्रवाल
डॉ अग्रवाल कहते हैं कि ये समझना जरूरी है, रेगुलर मीडियम इंटेसिटी के एक्सरसाइज से वजन में 5 प्रतिशत की कमी भी टाइप-2 डायबिटीज के जोखिम को 50 प्रतिशत से अधिक कम कर सकती है.
ऐसे में एक स्वस्थ जीवन शैली की ओर स्विच करने और एक आदर्श बीएमआई बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
उन्होंने कहा, "जो लोग मोटे होते हैं, उन्हें जटिल कार्बोहाइड्रेट के सेवन को सीमित करने का लक्ष्य रखना चाहिए क्योंकि इनसे ब्लड शुगर लेवल और इंसुलिन का उत्पादन बढ़ता है. इंसुलिन प्रतिरोध वाले लोगों में, इस वृद्धि से आगे वजन बढ़ सकता है."
डॉ अग्रवाल के कुछ सुझाव:
- हर दिन व्यायाम करें और हेल्दी डाइट लें.
- नियमित अंतराल पर अपने ब्लड शुगर लेवल की निगरानी करें.
- किसी भी रूप में परिष्कृत चीनी का सेवन न करें क्योंकि यह रक्त प्रवाह में अधिक आसानी से अवशोषित हो सकता है और आगे की जटिलताओं का कारण बन सकता है.
- ध्यान और योग जैसी गतिविधियों के माध्यम से तनाव को कम करें.
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