बिहार के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में दिसंबर 2019 में गया में हुई कैबिनेट की विशेष बैठक में अतिमहत्वाकांक्षी गंगाजल आपूर्ति परियोजना को मंजूरी दी गई। इसी के अंतर्गत हर घर गंगाजल योजना शुरू की जा रही है। ये योजना गंगा नदी के अधिशेष जल को दक्षिण बिहार के जल संकट वाले शहरों में ले जाकर पेयजल के रूप में उपयोग करने की अनूठी परिकल्पना है। देश में पहली बार गंगा नदी के बाढ़ के पानी को पेयजल के रूप में परिवर्तित कर 7.5 लाख लोगों की प्यास बुझाने का लक्ष्य रखा गया है।
बिहार सरकार द्वारा 2051 तक जनसंख्या वृद्धि का अनुमान लगाते हुए इस परियोजना का निर्माण किया गया। आने वाले भविष्य में इस परियोजना से लगभग 25 लाख से अधिक लोगों को लाभ होगा।
जानकारी के मुताबिक गंगा जल आपूर्ति परियोजना बिहार ही नहीं देश में अपनी तरह की यह पहली योजना है। इस परियोजना के माध्यम से बाढ़ के मौसम के दौरान गंगा नदी का पानी लेकर जल संकट वाले इलाकों में ले जाया जाएगा और तीन जलाशयों में इसे संग्रहित किया जाएगा। जमा किए पानी को जल उपचार संयंत्रों में उपचारित कर पूरे वर्ष घरों में आपूर्ति की जाएगी। मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्च र लिमिटेड (एमईआईएल) ने मई 2020 में इस परियोजना का निर्माण कार्य शुरू किया और निर्धारित समय के भीतर पहले चरण को पूरा किया गया है।
बिहार के जल संसाधन मंत्रालय में सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने आईएएनएस को बताया राज्य की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि उत्तर बिहार के बड़े इलाके को हर साल बाढ़ का सामना करना पड़ता है। वहीं दक्षिण बिहार के कई जिलों को हर साल सूखे का सामना करना पड़ता है। दक्षिण बिहार में कई जगहों पर भूजल स्तर भी नीचे चला गया है। धार्मिक और पर्यटन की ²ष्टि से महत्वपूर्ण नालंदा, गया और बोधगया में हर साल लाखों देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं, मगर इन शहरों में गर्मियों में पेयजल की कमी हो जाती है। इस परियोजना का उद्देश्य इन्ही दक्षिणी क्षेत्रों नालंदा, गया और नवादा जिलों में उपचारित गंगा जल की आपूर्ति करना है। यही वजह है कि बिहार सरकार ने गंगा जल आपूर्ति योजना परियोजना को चरणबद्ध तरीके से बनाने का निर्णय लिया है, ताकि परियोजना से ना केवल घरों में पानी भेजकर कमी को पूरा किया जाए बल्कि भूजल स्तर को फिर से जीवंत करने में भी मदद मिले।
हाथीदह पटना जिले के मोकामा शहर में एक जगह है जहां से परियोजना शुरू होती है। यहां गंगा नदी से पानी के स्रोत के लिए एक इंटेक पंप हाउस बनाया गया है। इस पंप हाउस की कुल क्षमता 19.4 क्यूमेक्स है। पहले चरण में यह 5.450 क्यूमेक्स पानी छोड़ेगा। इसमें तीन मोटरें लगाई गई हैं, जिसमें से दो काम कर रही हैं और एक को स्टैंडबाय के रूप में रखा गया है। हाथीदह से राजगीर में बने डिटेंशन टैंक में 2.4 मिलियन व्यास के पाइपलाइन नेटवर्क के माध्यम से पानी भेजा जाएगा, वहां से इसे गंगाजी राजगृह जलाश्य, घोरा कटोरा झील और 24 एमएलडी जल शोधन संयंत्र (डब्ल्यूटीपी) में वितरित किया जाएगा। फिर इस पानी को उपचारित कर लोगों के घरों में भेजा जाएगा। गंगा नदी से पानी लाने के लिए कुल 151 किलोमीटर लंबाई वाली पाइपलाइन बिछाई गई है।
हर घर गंगाजल योजना के पहले चरण की शुरूआत नालंदा जिले के राजगीर से हो रही है। यहां शहर के 19 वाडरें के करीब 8031 घरों में पेयजल के लिए गंगाजल की आपूर्ति की जाएगी। इस योजना के तहत प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन 135 लीटर शुद्ध जल की आपूर्ति का लक्ष्य रखा गया है। नीतीश कुमार इसके अगले दिन 28 नवंबर को इसी चरण में बिहार के गया और बोधगया में भी इस परियोजना का लोकार्पण करेंगे। वहीं योजना के दूसरे चरण में जून 2023 तक नवादा में भी हर घर गंगाजल पहुंचाने का लक्ष्य है।
--आईएएनएस
एसपीटी/एसकेपी
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)