Eid al-Adha/Bakrid 2021 Date: देश में ईद उल-अजहा (Eid Ul-Adha) यानी बकरीद का त्यौहार 21 जुलाई को मनाया जाएगा. यह इस्लाम धर्म का दूसरा सबसे बड़ा त्योहार होता है. यह त्योहार मीठी ईद यानी ईद उल फितर के 70 दिन बाद मनाया जाता है. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार 12वें महीने की 10 तारीख को मनाया जाता है.
बकरीद (Bakra Eid) के दिन इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग सुबह नमाज अदा करते हैं, इसके बाद आपस में गले मिलकर एक दूसरे को ईद की बधाई देते हैं. इसके बाद जानवर की कुर्बानी देने की प्रथा हैं.
कुर्बानी देने के बाद बकरे के गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है. एक हिस्सा गरीबों में, दूसरा हिस्सा दोस्त और रिश्तेदारों में और तीसरा हिस्सा अपने पास रखा जाता है. कई लोग इस दिन दान पुण्य करते हैं.
Eid al-Adha को मनाने की हर देश में अलग तारीख होती है. हम आपको बताते है भारत, पाकिस्तान व सउदी अरब में Bakrid कब मनाई जा रही है.
भारत में बकरीद 20 या 21 जुलाई यानी मंगलवार/बुधवार को मनाया जाना है. सही तारीख का ऐलान Eid al-Adha का चांद दिखने के बाद होगा.
सऊदी अरब में 20 जुलाई को ईद-उल-अजहा मनाई जायेगी.
पाकिस्तान में भी ईद-उल-अजहा का त्यौहार 20 जुलाई को मनाया जाएगा.
बकरीद के दिन क्यों दी जाती कुर्बानी
इसकी कहानी इस्लमिक पैगम्बर इब्राहीम अलैहिस्सलाम के जमाने में शुरू हुई थी. इस्लाम में कई सारे पैगम्बर आये हैं. पैगम्बर मतलब अल्लाह का दूत या मैसेंजर. उन्हीं पैगंबरों में से एक हैं इब्राहिम अलैहिस्सलाम. इन्हीं की वजह से कुर्बानी देने की परंपरा शुरू हुई.
इस्लामिक इतिहास के मुताबिक, अल्लाह ने एक बार इनके ख्वाब में आकर इनसे इनकी सबसे प्यारी चीज कुर्बान करने को कहा. इब्राहिम अलैहिस्सलाम को अपनी इकलौती औलाद उनका बेटा सबसे ज्यादा प्यारा था. मगर अल्लाह के हुक्म के आगे वह अपनी सबसे करीबी चीज को कुर्बान करने को तैयार थे.
इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने अपने दिल पर काबू किया और अपने बेटे को कुर्बान करने चल दिए. तभी रास्ते में उन्हें एक शैतान मिला जिसने उन्हें उनके फैसले पर दोबारा सोचने को कहा. शैतान उनसे कहने लगा कि भला इस उम्र में वह अपने बेटे को क्यों कुर्बान करने जा रहे हैं? शैतान की बात सुनकर वह सोच में पड़ गए. मगर कुछ देर बात उन्हें याद आया कि उन्होंने अल्लाह से वादा किया है.
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