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Guru Ravidas Jayanti 2020: संत रविदास के ये दोहे जानना हैं जरुरी

ऐसा कहा जाता है कि संत रविदास जी का जन्म रविवार के दिन हुआ था. जिसके चलते इनका नाम रविदास रखा गया.

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माघ पूर्णिमा को संत रविदास की जयंती मनाई जाती है. इस साल यह तिथि 9 फरवरी 2020 को है. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, साल 2020 में गुरु रविदास की 643 वीं जयंती मनाई जा रही है. इस दिन संत रविदास जी की पूजा-अर्चना के साथ ही देश के कई हिस्सों में शोभा यात्राएं निकाली जाती हैं.
रविदास के जन्म की प्रामाणिक तिथि को लेकर मतभेद है. लेकिन ज्यादातर विद्वानों साल 1398 में माघ शुक्ल पूर्णिमा को उनकी जन्म तिथि मानते हैं.

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ऐसा कहा जाता है कि संत रविदास जी का जन्म रविवार के दिन हुआ था. जिसके चलते इनका नाम रविदास रखा गया. गुरु रविदास का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर के गोबर्धनपुर गांव में हुआ था. उनके पिता संतोखदास भी जूते बनाने का काम करते थे. वहीं रैदास बचपन से साधु संतो के प्रभाव में रहने लगे थे. इसके चलते उनमें भक्ति की भावना बचपन से ही आ गई थी. संत रविदास जी की जयंती पर पढ़ें उनके कुछ दोहे-

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एक पौराणिक कथा के अनुसार, रविदास जी अपने साथी के साथ खेल रहे थे. एक दिन खेलने के बाद दूसरे दिन उनका वह साथी नहीं आता है, तो रविदास जी उसे ढूंढ़ने चले जाते हैं. तभी उन्हें पता चलता है कि उसकी मृत्यु हो गई. यह जानकर रविदास जी बहुत दुखी होते हैं और अपने मित्र को बोलते हैं कि उठो ये समय सोने का नहीं है, मेरे साथ खेलो. उनकी बात सुनकर मृत मित्र खड़ा हो जाता है. यह चमत्कार इसलिए होता है क्योंकि रविदास जी को बचपन से ही आलौकिक शक्तियां प्राप्त थी. कुछ समय के बाद उन्होनें अपना पूरा ध्यान भगवान राम और कृष्ण की भक्ति में लगाया. इस तरह वह लोगों की भलाई करते हुए संत बन गए.

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