पिछले हफ्ते कोलकाता की सड़कों पर एक बूढ़े व्यक्ति का वायलिन बजाते हुए वीडियो वायरल हुआ था. उनकी सुरीली धुनों से वहां के लोग मंत्रमुग्ध हो गए थे. मेरे दोस्त अयान और मैं बहुत प्रभावित हुए और ये जानने के लिए उत्सुक थे कि वो कोलकाता की खामोश सड़कों पर ये वायलिन क्यों बजा रहे हैं. इसलिए, हमने उन्हें ढूंढने का फैसला किया.
हमने सोशल मीडिया के जरिए पता लगाया कि वो गिरीश पार्क के पास रहते हैं. हमने उन्हें विवेकानंद फ्लाईओवर के नीचे वायलिन बजाते हुए देखा.
जब हमने उनसे बात की तो पता चला कि भोगोबान और उनकी पत्नी सरिता मालदा से आए थे और लॉकडाउन के कारण कोलकाता में फंसे हुए थे. उनकी आय का एकमात्र जरिया सड़कों पर वायलिन बजाना है.
दो महीने पहले, वो और उसकी पत्नी अपनी बेटी की डिलीवरी के लिए कोलकाता आए थे. उनकी आर्थिक स्थिति खराब है और कोई दूसरा रास्ता न देखकर उन्होंने अपनी बेटी के इलाज के लिए पैसे इकट्ठा करने के लिए वायलिन बजाना शुरू कर दिया. महामारी के कारण, उन्होंने अपनी बेटी को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए काफी संघर्ष किया.
भोगोबान की बेटी एक छोटे से घर में रहती हैं जिसका किराया 2,000 रुपये है, वो भी उन्हें 50,000 रुपये जमा करने के बाद मिला था.
उनकी पत्नी सरिता कहती हैं, ''लॉकडाउन खत्म होने के बाद हम मालदा लौट आएंगे. हम वहां किराए पर रहते हैं. वही हमारा घर है." अपने पसंदीदा कलाकारों के बारे में पूछे जाने पर, वे कहते हैं, “मुझे मन्ना डे, किशोर दा और लता दी पसंद हैं. मेरे पसंदीदा मुकेश और किशोर हैं.”
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