ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं. इस दौरे के दूसरे दिन यानी आज शुक्रवार को जॉनसन ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) से मुलाकात की.
इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच घरेलू से लेकर अंतरराष्ट्रीय, कई मुद्दों पर बात हुई. इस बातचीत को दौरान रूस यूक्रेन संकट का मुद्दा भी उठा तो भारत ने खालिस्तान के मसले पर भी ब्रिटेन के साथ बात की.
भारत और यूनाइटेड किंगडम ने संयुक्त साइबर बयान भी जारी किया जिसमें गवर्नेंस और निर्माण जैसे मामलों पर आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए कार्यक्रमों की प्रतिबद्धता पर जोर दिया.
खालिस्तान के मुद्दे का जिक्र
दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच बातचीत के बाद विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि भारत ने ब्रिटेन के पीएम जॉनसन के सामने खालिस्तान का मुद्दा उठाया है. इसपर जॉनसन की तरफ से कहा गया कि ब्रिटेन भारत की चिंताओं के प्रति संवेदनशील है और इस मुद्दे को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
आर्थिक अपराधियों को भारत लाने की कवायद
हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक अरपराधियों के भारत प्रत्यार्पण पर भी बात हुई. उन्होंने कहा,
"आर्थिक अपराधियों के मुद्दे पर, हम कुछ समय से यूके के साथ विभिन्न स्तरों पर इस मामले को उठा रहे हैं. हमारा उद्देश्य उन आर्थिक भगोड़ों को वापस लाना है जो भारत में अपराधी हैं और देश में न्याय का सामना करना चाहते हैं. द्विपक्षीय वार्ता के दौरान इस मामले पर भी चर्चा हुई."
विदेश सचिव ने कहा, "ब्रिटेन के पीएम जॉनसन ने कहा कि यह मामला उनके लिए भी जरूरी है. उन्होंने संकेत दिया कि वह इस संबंध में भारतीय चिंताओं के प्रति बहुत संवेदनशील हैं और वह देखेंगे कि वह क्या कर सकते हैं."
ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन की भारत की आधिकारिक यात्रा के दौरान कुल दो G2G MoU (सरकार से सरकार के बीच) और चार गैर-सरकारी MoU पर हस्ताक्षर किए हैं.
रूस-यूक्रेन पर बात
दोनों नेताओं ने मीटिंग के दौरान रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भी चर्चा की. विदेश सचिव के अनुसार, पीएम मोदी ने स्थिति और बढ़ते मानवीय संकट पर गहरी चिंता व्यक्त की. प्रधानमंत्री ने हिंसा को तत्काल बंद करने के अपने आह्वान को दोहराया और स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान पर जोर देने की बात कही.
बॉरिस जॉनसन ने कहा कि जिस तरह से सिर्फ यूक्रेन में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में स्थिति ब्रिटेन और भारत को और ज्यादा करने के लिए मजबूर कर रही है. रूस पर भारत की स्थिति सब जानते हैं. यह बदलने वाला नहीं है.
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने आगे कहा कि भारत समुद्री सुरक्षा स्तंभ के तहत इंडो-पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव में शामिल होने वाले यूके का भारत ने स्वागत किया है. ब्रिटेन एक खुले, मुक्त और सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बनाए रखने के लिए सहयोग करने पर सहमत हुआ है.
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