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दिल्ली अस्पताल अग्निकांड : 14 दिन की न्यायिक हिरासत में अस्पताल मालिक
दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को बेबी केयर न्यू बोर्न अस्पताल के मालिक और एक सह-आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. हाल ही में अस्पताल में लगी भीषण आग से सात बच्चों की मौत हो गई थी.
मामले में अस्पताल के मालिक डॉ. नवीन खीची और आग लगने के दौरान ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारी आकाश को गिरफ्तार किया गया था.
गुरुवार को आकाश को भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. इस बीच, नवीन खीची ने जमानत याचिका दायर की है. इस पर तीन जून को सुनवाई होगी.
मामले में पुलिस की जांच से पता चला है कि दिल्ली सरकार स्वास्थ्य सेवा (डीजीएचएस) द्वारा अस्पताल को जारी लाइसेंस 31 मार्च को समाप्त हो गया था.
जांच में यह भी पता चला कि अस्पताल के डॉक्टर नवजात शिशुओं का इलाज करने के योग्य नहीं थे. ये डॉक्टर केवल बीएएमएस डिग्री धारक थे.
पुलिस ने बताया, "अस्पताल में 12 नवजात शिशु भर्ती थे. आग लगने से पहले ही एक की मौत हो चुकी थी. सभी शिशुओं को अन्य लोगों की मदद से अस्पताल से निकाला गया और ईस्ट दिल्ली एडवांस एनआईसीयू अस्पताल में भर्ती कराया गया."
दिल्ली अग्निशमन सेवा प्रमुख अतुल गर्ग ने बताया कि अस्पताल में सात बच्चों को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि पांच शिशुओं का इलाज चल रहा है. शाहदरा के पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि आग बुझाने के बाद ऑक्सीजन सिलेंडर फटे हुए मिले.
इसके अलावा, पुलिस, दमकलकर्मियों और क्राइम ब्रांच की टीम की जांच में अस्पताल में आग बुझाने के लिए कोई उपकरण नहीं मिला. अस्पताल में प्रवेश और निकास का उचित प्रबंध नहीं था और आपातकालीन निकास के लिए भी कोई रास्ता नहीं था. आग लगने का संभावित कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है.
(इनपुट-IANS)
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दिल्ली के LG वीके सक्सेना ने की मेधा पाटकर के लिए अधिकतम सजा की मांग
दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को नर्मदा बचाओ आंदोलन (एनबीए) की कार्यकर्ता मेधा पाटकर को सजा सुनाने की प्रक्रिया सात जून तक के लिए स्थगित कर दी. मेधा पाटकर को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा दायर मानहानि एक मामले में दोषी ठहराया गया है.
24 मई को साकेत कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट राघव शर्मा ने पाटकर को दोषी ठहराया था. सन 2000 में यह विवाद तब शुरू हुआ था, जब सक्सेना अहमदाबाद स्थित एनजीओ नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज के प्रमुख थे.
गुरुवार को सजा के मामले में दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें पूरी की. न्यायाधीश ने मामले की अगली सुनवाई सात जून तय की है.
(इनपुट-IANS)
Prajwal Revanna case: प्रज्वल रेवन्ना म्यूनिख से रवाना, SIT बेंगलुरु एयरपोर्ट पर गिरफ्तारी के लिए तैयार
जनता दल-सेक्युलर (जेडी-एस) के सांसद और यौन शोषण मामले में आरोपी प्रज्वल रेवन्ना जर्मनी के म्यूनिख शहर से बेंगलुरु के लिए रवाना हो गए हैं.
विशेष जांच दल (एसआईटी) के एक सूत्र ने गुरुवार को बताया, "भारतीय समय के अनुसार विमान म्यूनिख से शाम करीब 4.10 बजे रवाना हुआ. विमान के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर रात करीब 12.30 बजे उतरने की उम्मीद है."
जेडी-एस सांसद प्रज्वल रेवन्ना के रात 12.45 से एक बजे के बीच चेक आउट करने की संभावना है. एयरपोर्ट पर तैनात एसआईटी अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे प्रज्वल रेवन्ना को पहुंचते ही गिरफ्तार कर लें.
वहीं कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने बताया कि उन्हें प्रज्वल रेवन्ना के बेंगलुरु लौटने की जानकारी मिली है. उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो चुका है. प्रज्वल रेवन्ना को एयरपोर्ट पर ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
जेडी-एस सांसद कर्नाटक में मतदान के दिन 26 अप्रैल को देश से बाहर चले गए थे. उनके खिलाफ कोर्ट से वारंट जारी किया गया है. इसके अलावा सांसद के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया था.
जानकारी के अनुसार, किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए बेंगलुरु एयरपोर्ट के परिसर और आसपास के इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. एसआईटी अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी. दयानंद के साथ बैठक भी की.
(इनपुट-IANS)