गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद (Atique Ahmed Brother) के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ अहमद (Ashraf Ahmed) ने दावा किया कि उन्हें एक अधिकारी ने बताया है कि उन्हें दो हफ्ते में मार दिया जाएगा. अशरफ अहमद को 2006 के उमेश पाल अपहरण मामले में सात अन्य लोगों में के साथ बरी कर दिया गया है. वहीं उसके भाई और समजवादी पार्टी के नेता अतीक अहमद को दोषी मान अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
बरेली जेल में बंद है अशरफ
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक प्रयागराज से बरेली जेल लाए जाने के बाद अशरफ ने पत्रकारों से कहा कि, "आज मुझे इलाहाबाद में एक अधिकारी द्वारा धमकी दी गई है कि मुझे दो हफ्ते में जेल से बाहर ले जाया जाएगा और मार दिया जाएगा."
अधिकारी का नाम पूछे जाने पर, अशरफ ने कहा कि वह अभी नाम नहीं ले सकते हैं.
उमेश पाल की हत्या के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उन पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं. अशरफ ने कहा, "मुख्यमंत्री मेरा दर्द समझते हैं क्योंकि उनके खिलाफ भी फर्जी मामले दर्ज किए गए थे."
प्रयागराज में एमपी-एमएलए कोर्ट ने मंगलवार, 29 मार्च को उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद समेत दो अन्य को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
समाजवादी पार्टी (एसपी) के पूर्व सांसद के खिलाफ बीते कई सालों में 100 से ज्यादा मामले दर्ज होने के बावजूद यह अतीक की पहली सजा है.
अतीक, अशरफ और नौ अन्य के खिलाफ अपहरण का मामला तत्कालीन बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के विधायक राजू पाल की 25 जनवरी, 2005 को हुई हत्या से जुड़ा है. उमेश पाल, जो उस समय जिला पंचायत सदस्य थे, वह राजू पाल के अपरहण और हत्याकांड के मुख्य गवाह थे.
उमेश पाल ने बाद में यह भी आरोप लगाया था कि 28 फरवरी, 2006 को बंदूक की नोक पर उनका अपहरण कर लिया गया था, क्योंकि उन्होंने अतीक के दबाव में पीछे हटने से इनकार कर दिया था.
आरोप है कि पिछले महीने प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में अतीक के साथियों ने उमेश पाल की दिनदहाड़े हत्या कर दी थी.
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