उमेश पाल अपहरण मामले (Umesh Pal Kidnapping Case) में यूपी के प्रयागराज में MP-MLA कोर्ट ने दोषी पाए जाने के बाद माफिया अतीक अहमद (Atique Ahmed) और दो अन्य को मंगलवार 28 मार्च को उम्रकैद की सजा सुनाई है. वहीं, अतीक के भाई और पूर्व विधायक अशरफ समेत 7 अन्य आरोपियों को बरी कर दिया.
कोर्ट के फैसले पर उमेश पाल की मां शांति देवी ने कहा कि वह चाहती हैं कि अतीक अहमद को फांसी दी जाये.
शांति देवी ने कहा, "मेरे बेटे का अपहरण हुए 18 साल हो गए हैं. वह शेर की तरह अतीक से लड़ा. मुझे मुख्यमंत्री और अदालत पर भरोसा है. मेरे बेटे की हत्या के लिए अतीक अहमद को फांसी दी जानी चाहिए."
अतीक अहमद ने खाकी और वर्दी दोनों को चुनौती दी है. उसके पास बहुत पैसा है, वो जेल के अंदर से कुछ भी करवा सकता है. उसको जेल में सारी सुविधाएं मिलती हैं. उसने मेरे बेटे को जेल के अंदर से मरवा दिया.शांति देवी, उमेश पाल की मां
उमेश पाल की पत्नी ने योगी से लगायी मदद की गुहार
उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि अतीक अहमद को फांसी दी जाये. जया पाल ने कहा, "मेरे पति की हत्या के लिए अतीक अहमद को मौत की सजा दी जानी चाहिए. हम न्याय चाहते हैं और मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हमारी मदद करने का अनुरोध करती हूं."
क्या है उमेश पाल अपहरण केस?
दरअसल, 25 जनवरी 2005 को बीएसपी विधायक राजूपाल की हत्या कर दी गयी थी. इसके बाद 28 फरवरी 2006 को राजूपाल मामले में मुख्य गवाह उमेश पाल का अपहरण कर लिया गया था. इस मामले में 5 जुलाई 2007 को अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ समेत 11 लोगों पर अपहरण का केस दर्ज किया गया था. ये केस 17 साल तक चला जिसमें कोर्ट ने अतीक और अन्य दो लोगों को दोषी करार देते हुए सजा सुनायी है.
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