हरियाणा की नूंह जिला अदालत ने बिट्टू बजरंगी (Bittu Bajrangi) को 1 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. बिट्टू बजरंगी और 15-20 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद 15 अगस्त को नूंह पुलिस (Nuh Police) ने बिट्टू बजरंगी को गिरफ्तार किया था. बिट्टू बजरंगी पर नूंह हिंसा भड़काने का आरोप है.
इससे पहले विश्व हिन्दू परिषद् ने एक्स (ट्विटर) पर एक मैसेज पोस्ट कर खुद को बिट्टू बजरंगी से अलग कर लिया था. साथ ही यह भी लिखा था कि उसके द्वारा कथित रूप से जारी किए गए वीडियो को भी विश्व हिन्दू परिषद उचित नहीं मानती है.
खुद को गौरक्षक बताने वाले बिट्टू बजरंगी को 15 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. बिट्टू पर आरोप है कि वह हिंसा प्रभावित नूंह में एक धार्मिक जुलूस के दौरान तलवारें और त्रिशूल ले जा रहा था, जबकि उसे हथियार न लाने के लिए कहा गया था. जब उसके हथियार छीन लिए गए तो उसने अन्य लोगों के साथ पुलिस पर भी हमला किया लेकिन बाद में यह लोग भाग निकले.
बिट्टू बजरंगी उर्फ राजकुमार से सहायक पुलिस अधीक्षक उषा कुंडू की शिकायत के आधार पर नूंह के सदर पुलिस स्टेशन में दर्ज एक नई एफआईआर के संबंध में पूछताछ की गई.
बिट्टू बजरंगी और उसके लगभग 15 से 20 समर्थकों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर में लिखा गया है, 'जब जुलूस नूंह में नलहर महादेव मंदिर के पास पहुंचा तो आरोपियों को हाथों में तलवार और त्रिशूल ले जाते देखा गया.'
'पुलिस को चकमा देकर भाग गया था बिट्टू'- पुलिस
जब पुलिस ने समूह को हथियार ले जाते हुए देखा, तो उन्होंने उन्हें रोक लिया और उन्हें जब्त करने की कोशिश की. लेकिन एफआईआर के मुताबिक, समूह उग्र और आक्रामक हो गया और पुलिस पर हमला करना शुरू कर दिया. एफआईआर में कहा गया है कि पुलिस हथियारों को जब्त करने में कामयाब रही और उन्हें एक पुलिस वाहन में हिरासत में ले लिया.
बिट्टू बजरंगी और उसके समर्थक गाड़ी में ही नारेबाजी करने लगे. एफआईआर में कहा गया है कि आखिरकार यह लोग गाड़ी की पिछली खिड़की खोलने में कामयाब रहे और हथियारों के साथ भाग निकले.
सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) उषा कुंडू ने आरोप लगाया कि जुलूस की ओर जाने से रोकने की कोशिश के बाद बिट्टू बजरंगी ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया. अधिकारी के मुताबिक, उन्होंने गौरक्षक को अपनी गाड़ी के बोनट पर बैठे देखा.
VHP ने खुद से किया अलग
विश्व हिन्दू परिषद् ने सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स (ट्विटर) पर लिखा कि, "राज कुमार उर्फ बिट्टू बजरंगी, जिसे बजरंग दल कार्यकर्ता बताया जा रहा है, उसका बजरंग दल से कभी कोई संबंध नहीं रहा. उसके द्वारा कथित रूप से जारी किए गए वीडियो की सामग्री को भी विश्व हिन्दू परिषद उचित नहीं मानती."
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