अमेरिका में कैलिफोर्निया में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए भारतीय मूल के 17 पुरुषों को 17 अप्रैल को हिंसक घटनाओं की एक श्रृंखला के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया. इनमें से पहली घटना 2018 में हुई थी और लेटेस्ट मार्च 2023 में सैक्रामेंटो में एक गुरुद्वारे के पास हुई थी.
दो वर्षों में की गई जांच को 'ऑपरेशन ब्रोकन सोर्ड' कहा गया. यह नाम 2018 की घटना के दौरान क्राइम सीन से बरामद एक टूटी हुई तलवार के नाम पर रखा गया था.
गिरफ्तार किए गए लोगों में से दो पंजाब के भगोड़े गैंगस्टर- पवित्र सिंह और हुसैनदीप सिंह हैं.
कई भारतीय पत्रकारों और समाचार संगठनों ने दावा किया है कि गिरफ्तार किए गए व्यक्ति खालिस्तानी थे.
स्टोरी में हम इन तीन सवालों का जवाब जानने की कोशिश करेंगे:
गिरफ्तार किए गए व्यक्ति कौन हैं और उन पर किन अपराधों का आरोप है?
पवितर सिंह और हुसैनदीप सिंह कौन हैं? पंजाब से बाहर स्थित गैंग्स से उनका क्या संबंध है?
क्या गिरफ्तारियां खालिस्तानी लामबंदी से जुड़ी हैं, जैसा कि कुछ भारतीय मीडिया चैनलों ने दावा किया है?
गिरफ्तार लोग कौन हैं और उन पर क्या आरोप हैं?
ये कुछ ऐसी घटनाएं हैं जिनकी जांच की गई.
नवंबर 2018: युबा सिटी, सटर काउंटी में सिख परेड में हाथापाई और तलवारबाजी
सितंबर 2021: युबा सिटी, सटर काउंटी में एक शादी की पार्टी में शूटिंग
अगस्त 2022: सैन जोकिन काउंटी के स्टॉकटन में एक गुरुद्वारे के बाहर शूटिंग
दिसंबर 2022: वुडलैंड, योलो काउंटी में शूटिंग
26 मार्च 2023 को सैक्रामेंटो में एक सिख नगर कीर्तन या परेड के बाहर शूटिंग
मार्च 2023 गुरुद्वारे की घटना के अलावा सैक्रामेंटो में छह अन्य गोलीबारी
यह एक विस्तृत सूची नहीं है. जांचकर्ताओं का कहना है कि वे कई अन्य घटनाओं की जांच कर रहे हैं जो संभवतः एक ही गैंग से जुड़ी हो सकती हैं.
पुलिस अधिकारियों द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी गयी जानकारी के अनुसार गिरफ्तार किए गए लोग हैं:
मार्च 2023 में नगर कीर्तन के बाहर हुई झड़प के सिलसिले में अरमनदीप सिंह, गुरविंदर सिंह, नीतीश कौशल, हरमनदीप सिंह, गुरमिंदर सिंह कांग, देवेंद्र सिंह, गुरशरण सिंह और गुरचरण सिंह को गिरफ्तार किया गया है. उन पर हत्या के प्रयास की आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया गया है.
दिसंबर 2022 के वुडलैंड शूटिंग कांड के सिलसिले में सहजप्रीत सिंह, हरकीरत सिंह, तीरथ राम, पवितर सिंह और हुसैनदीप सिंह को गिरफ्तार किया गया है.
करणदीप सिंह और प्रदीप सिंह - को 27 सितंबर 2021 को युबा शहर में एक शादी समारोह में अमनदीप सिंह की हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
जसकरन सिंह को चाइल्ड पोर्नोग्राफी रखने और हमलावर हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
युबा सिटी के करमबीर गिल को अवैध हथियारों के डीलर होने के संदेह में गिरफ्तार किया गया है.
सटर काउंटी के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी जेनिफर ड्यूप्रे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बढ़ती हिंसा के लिए दो क्रिमिनल सिंडिकेट के मेंबर जिम्मेदार थे, जिन्हें मिंटा और एके -47 ग्रुप के रूप में जाना जाता है. प्रतिद्वंद्वी गुटों में बंटने से पहले वे शुरू में एक ही ग्रुप का हिस्सा थे.
अधिकारियों ने कहा कि अगर पुलिस एजेंसियों ने तुरंत कार्रवाई नहीं की होती तो सिख परेड में नरसंहार हो सकता था.
पवितर सिंह और हुसैनदीप सिंह कौन हैं?
दिसंबर 2022 वुडलैंड शूटिंग के सिलसिले में गिरफ्तार, पवितर सिंह और हुसैनदीप सिंह पंजाब के भगोड़े गैंगस्टर हैं.
वे मुख्य रूप से पंजाब के माझा क्षेत्र में ऑपरेट करते थे और जग्गू भगवानपुरिया गैंग से जुड़े थे. जग्गू भगवानपुरिया गैंग लॉरेंस बिश्नोई-गोल्डी बराड़ गैंग का सहयोगी था, लेकिन हाल ही में दोनों में मतभेद हो गए थे.
पवितर सिंह के गैंग में हुसैनदीप सिंह शामिल है. इस गैंग पर 19 नवंबर 2019 को बटाला के पास पंडोरी गांव के एक मजदूर मनदीप सिंह की हत्या में शामिल होने का आरोप लगा था. उसी दिन, उनके गैंग ने अमृतसर के पास जिजियानी गांव में त्रिप्तपाल नाम के शख्स पर गोलियां बरसाईं.
उनके गैंग के मेंबर हरविंदर संधू ने एक फेसबुक पोस्ट के में दोनों कृत्यों की जिम्मेदारी ली. उसने कहा कि पुरानी रंजिश के चलते मनदीप की हत्या कर दी गई जबकि तृप्तपाल गैंग से जुड़े एक व्यक्ति पर कथित तौर पर हमला कर रहा था.
क्या गिरफ्तारियों में खालिस्तानियों के खिलाफ कार्रवाई का एंगल है?
News18 और Firstpost जैसे कई मीडिया आउटलेट्स के साथ-साथ पत्रकार प्रियंका देव जैन ने दावा किया है कि गिरफ्तार किए गए लोग खालिस्तानियों से जुड़े हुए थे. News18 की रिपोर्ट इसे 'पाकिस्तान स्थित खालिस्तानी समूहों के शैतानी व्यापार मॉडल' तक का हिस्सा बता दिया गया.
क्या इसमें कुछ भी सच्चाई है?
अमेरिकी जांचकर्ताओं ने ऐसा कुछ नहीं कहा है.
उनके अनुसार, ये हिंसक घटनाएं हत्यारों और हिंसक अपराधों जैसी अवैध गतिविधियों में शामिल एक क्राइम सिंडिकेट के दो विरोधी गुटों के बीच प्रतिद्वंद्विता का परिणाम थीं.
सटर काउंटी डीए जेनिफर डुप्रे ने कहा कि, "वे एक स्थान पर आते थे और एक दूसरे को गोली मारने की कोशिश करते थे."
जांच में शामिल किसी भी एजेंसी ने इस हिंसा के पीछे उग्रवाद के संभावित एंगल या किसी विचारधारा का उल्लेख नहीं किया है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में, सैक्रेमेंटो थिएन हो के डीए ने कहा कि हिंसा सिख समुदाय को बिल्कुल भी प्रतिबिंबित नहीं करती है. उन्होंने कहा, "हिंसा के संबंध में दायर की गई जांच और आरोप किसी भी तरह से क्षेत्र में रहने वाले सिख समुदाय को प्रतिबिंबित या प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं."
उन्होंने कहा कि उत्तरी कैलिफोर्निया में सिख समुदाय के नेताओं ने इस हिंसा की बार-बार निंदा की है.
खालिस्तानी संबंधों के बारे में जांचकर्ताओं ने कुछ नहीं कहा है. ऐसा कोई भी आरोप अनुमान के अलावा और कुछ नहीं लगता है. यह सिखों से जुड़े किसी भी घटना में 'खालिस्तान' एंगल लाने के भारतीय मीडिया के एक वर्ग के एक बड़े ट्रेंड के अनुसार ही प्रतीत होता है.
इस विशेष आरोप पर क्विंट ने सैक्रामेंटो और सटर काउंटी के डीए, सैक्रामेंटो शेरिफ कार्यालय और युबा सिटी पुलिस प्रमुख से संपर्क किया है. उनके जवाब देने पर हम कॉपी को अपडेट कर देंगे.
खालिस्तान एंगल को लाने के अपने प्रयास में, वे बड़े सवाल को मिस कर देते हैं - भारतीय गैंगस्टर कैसे अमेरिका और कनाडा जैसे देशों तक आसानी से पहुंच जाते हैं, स्थानीय अपराधियों के साथ संबंध बनाते हैं और अपनी गतिविधियों को जारी रखते हैं?
सिद्धू मूस वाला हत्याकांड का आरोपी गोल्डी बराड़ भी अमेरिका में था. अभी हाल ही में एक अन्य आरोपी अनमोल बिश्नोई का कैलिफोर्निया में पार्टी करते हुए एक वीडियो वायरल हुआ था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)