नई दिल्ली, 11 मई (आईएएनएस)| उपग्रह-रोधी परीक्षण का ज्यादातर कचरा नष्ट हो चुका है और बचा हुआ कचरा भी जल्द ही नष्ट हो जाएगा। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) प्रमुख सतीश रेड्डी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि डीआरडीओ स्थिति पर लगातार निगरानी रखे हुए है लेकिन यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि बचा हुआ कचरा कितने दिनों में नष्ट होगा।
रेड्डी शुक्रवार को यहां रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान (आईडीएसए) में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रौद्योगिकी विषय पर बोल रहे थे।
उपग्रह-रोधी (ए-सैट) मिसाइल परीक्षण करने के बाद रेड्डी ने छह अप्रैल को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि पूरा कचरा 45 दिनों में नष्ट हो जाना चाहिए।
भारत ने 27 मार्च को अंतरिक्ष में ए-सैट मिसाइल से अपने एक उपग्रह को मार गिराया था, जिसके बाद भारत ऐसा करने वाला अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा देश बन गया था।
परीक्षण के बाद, नासा के प्रशासक जिम ब्राइडेंस्टीन ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) को कचरों से संभावित खतरे का मुद्दा उठाया था।
ब्राइडेंस्टीन ने कहा था कि ए-सैट परीक्षण ने कक्षा में घूम रहे कचरे के 69 टुकड़े पैदा कर दिए हैं जो आईएसएस के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं।
रेड्डी ने कहा था कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार सॉफ्टवेयर पर आधारित जोखिम विश्लेषण तंत्र के अनुसार भी इससे आईएसएस को कोई खतरा नहीं है।
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