एयर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) का संकट गहरा गया है. टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन 'एयर इंडिया एक्सप्रेस' ने अगले कुछ दिनों के लिए अपने फ्लाइट्स में कटौती करने का फैसला लिया है. एयरलाइन ने गुरुवार, 9 मई को 74 फ्लाइट्स रद्द कीं. इससे पहले एयरलाइन ने चालक दल के सदस्यों के अचानक बीमार होने की वजह से अपनी करीब 90 फ्लाइट कैंसल की थी.
एयर इंडिया एक्सप्रेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) आलोक सिंह ने 8 मई, बुधवार को एक पत्र लिखकर घोषणा की कि एयरलाइन आने वाले दिनों में अपने उड़ान संचालन को कम कर देगी. उन्होंने लिखा,
"मंगलवार शाम से, हमारे 100 से अधिक केबिन क्रू सहयोगियों ने अपनी निर्धारित उड़ान ड्यूटी से पहले आखिरी समय में बीमार होने की सूचना दी है, जिससे हमारे संचालन में गंभीर बाधा हुई है. पर्याप्त संख्या में केबिन क्रू नहीं होने के कारण एयर इंडिया एक्सप्रेस को अगले कई दिनों के अपने कार्यक्रम में कटौती करने के लिए मजबूर होना पड़ा है"
'सिक लीव' पर गए 25 कर्मचारी बर्खास्त
सिक लीव पर गए कर्मचारियों को लेकर एयर इंडिया ने बड़ा फैसला लिया है. एयरलाइन ने लगभग 30 वरिष्ठ केबिन क्रू सदस्यों को बर्खास्त कर दिया है. बुधवार देर रात यानी 8 मई को कर्मचारियों को टर्मिनेशन लेटर ईमेल किए गए. साथ ही विरोध कर रहे केबिन क्रू के अन्य सदस्यों को एयर इंडिया एक्सप्रेस ने 9 मई की शाम 4 बजे तक काम पर लौटने की हिदायत दी है. कर्मचारियों के बर्खास्तगी को लेकर मुख्य श्रम आयुक्त ने आज यानी 9 मई को एयर इंडिया एक्सप्रेस यूनियन और सीईओ के साथ बैठक बुलाई है.
क्रू मेंबर ने खराब प्रबंधन का लगाया था आरोप
अप्रैल में एयर इंडिया एक्सप्रेस कर्मचारी संघ (AIXEU), एक पंजीकृत संघ, जो लगभग 300 केबिन क्रू सदस्यों ज्यादातर वरिष्ठ नागरिकों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है, ने आरोप लगाया था कि एयरलाइन का मैनेजमेंट सही नहीं है. कर्मचारियों के साथ व्यवहार में समानता की कमी है.
साथ ही संगठन ने आरोप लगाया था कि मामलों के कुप्रबंधन से कर्मचारियों के मनोबल पर भी असर पड़ा है. इसने यह भी शिकायत की कि विलय के कारण केबिन क्रू के लिए टेक-होम वेतन कम हो गया है क्योंकि पहले के कुछ भत्ते हटा दिए गए हैं.
फ्लाइट रद्द होने से आक्रोशित हुए यात्री
फ्लाइट्स 7 मई की रात से 8 मई तक रद्द रहीं. ऐसे में हवाई अड्डों पर माहौल गर्म रहा क्योंकि यात्री इस बात से नाराज थे कि उन्हें पहले से सूचित नहीं किया गया था. बुधवार यानी 8 मई को दिल्ली में एयर इंडिया एक्सप्रेस की कम से कम 16 उड़ानें रद्द कर दी गईं, जबकि बेंगलुरु में भी फ्लाइट्स प्रभावित होने की सूचना मिली. केरल में एयरलाइन ने राज्य के सभी चार हवाई अड्डों - तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, कन्नूर और कोझिकोड से कई उड़ानें रद्द कर दीं.
बुधवार शाम को, एयरलाइन ने घोषणा की कि वह प्रभावित यात्रियों के लिए वैकल्पिक उड़ानों की व्यवस्था कर रही है. एयरलाइन ने एक संशोधित उड़ान कार्यक्रम भी जारी किया और लोगों से हवाई अड्डे पर जाने से पहले यह जांचने के का अनुरोध किया कि व्यवधान से उनकी उड़ान प्रभावित हुई है या नहीं.
एयरलाइन ने एक बयान में कहा, "हम प्रभावित मेहमानों को ग्रुप एयरलाइंस सहित वैकल्पिक उड़ानों में भी शामिल कर रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे अपने गंतव्य तक जल्द से जल्द पहुंचें."
मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट
व्यवधानों के कारण कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर टिकट रद्द होने और लंबी देरी के बारे में शिकायत भी की. समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने मामले पर एयर इंडिया से रिपोर्ट मांगी है, साथ ही मुद्दों को तुरंत हल करने के लिए भी कहा है. MoCA ने एयर इंडिया एक्सप्रेस को नियमों के अनुसार प्रभावित यात्रियों को उचित सुविधाएं सुनिश्चित करने की भी सलाह दी. मंत्रालय ने हवाईअड्डा संचालकों से प्रभावित यात्रियों को सहायता प्रदान करने का भी अनुरोध किया.
मंत्रालय ने कर्मचारियों को किसी भी चिंता से जुड़े मुद्दे पर चर्चा के लिए बुलाया है, जिसे संबोधित करने की जरूरत है.
टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया एक्सप्रेस मार्च के अंत में शुरू ग्रीष्मकालीन उड़ान कार्यक्रम के तहत प्रतिदिन लगभग 360 उड़ानें संचालित करती है.
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