प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 अक्टूबर को सभी मौसम में चालू रहने वाली और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अटल टनल का उदघाटन किया. 9.02 किमी लंबी इस टनल को बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ने बनाया है. ये दुनिया की सबसे लंबी हाईवे टनल है और मनाली को लाहौल-स्पिती वैली से जोड़ती है.
नागरिकों के इस्तेमाल के अलावा इस टनल का रणनीतिक इस्तेमाल और महत्त्व भी है. 10.5 मीटर चौड़ी इस टनल से पूरे साल हर दिन 3000 कार और 1500 ट्रक गुजर सकते हैं.
किसी पड़ोसी देश के साथ तनाव में ये टनल इलाके में लॉजिस्टिकल मदद पहुंचाने में मदद करेगी. ये इलाका साल के छह महीने देश से कटा रहता है क्योंकि रोहतांग पास में नवंबर से अप्रैल के बीच भारी बर्फबारी होती है.
कारगिल हीरो ने बताई वजहें
द स्टेट्समैन से बात करते हुए कारगिल युद्ध के हीरो रिटायर्ड ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने अटल टनल की रणनीतिक जरूरत के बारे में बताया. ठाकुर हिमाचल प्रदेश एक्स-सर्विसमैन कॉर्पोरेशन के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं.
खुशाल ठाकुर के पास कारगिल युद्ध के समय 18 ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट की कमांड थी. इस रेजिमेंट ने महत्वपूर्ण तोलोलिंग और टाइगर हिल्स पर कब्जा किया था. ठाकुर ने कहा कि मौजूदा भारत-चीन विवाद के दौरान टनल बहुत अहम है.
ठाकुर ने द स्टेट्समैन को बताया, “ये टनल लद्दाख जाने के सिर्फ दो रास्तों में से एक पर स्थित है. दूसरा रास्ता जोजिला पास से है, जो कश्मीर घाटी को द्रास से जोड़ता है. इसलिए ये बहुत जरूरी है कि लद्दाख में सेना तक सभी मौसम में पहुंच बनी रहे क्योंकि सर्दी आने वाली है.”
कारगिल हीरो ने कहा कि मनाली-लेह एक्सिस पर सभी मौसम में क्षमता को डेवलप करने के लिए ये अहम कदम है. इसकी जरूरत भारत को पहले होती रही है. ठाकुर ने कहा, "इस टनल ने हमें विवाद की स्थिति में बेहतर पोजीशन पर पहुंचा दिया है. मनाली-लेह रूट पर बारालाचा पास, लाचुंग ला, तांगला और नाकी ला पर भी टनल बननी चाहिए, जिससे कि फॉरवर्ड लाइन तक कनेक्टिविटी बनी रहे."
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