ADVERTISEMENTREMOVE AD

औरैया: दलित छात्र की मौत पर हिंसा में 9 गिरफ्तार,हत्या का आरोपी टीचर अब भी फरार

Auraiya Dalit Student Death: जानिए मामला क्या है, घटना पर किस तरह हिंसा भड़क उठी और पुलिस ने अबतक क्या एक्शन लिए हैं?

Published
भारत
3 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के औरैया में कथित तौर पर शिक्षक की पिटाई से दलित छात्र की मौत (Auraiya Dalit Student Death) को लेकर बवाल मचा है. जनपद में सोमवार, 26 सितंबर को हुई हिंसा में पुलिस की एक जीप आग के हवाले कर दी गई, वहीं प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को भी अपना निशाना बनाया. अब एक्शन लेते हुए औरैया पुलिस ने छात्र के शव को सड़क पर रखकर प्रर्दशन करने तथा सरकारी वाहनों को जलाने-क्षतिग्रस्त करने के आरोप में 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है, घटना पर किस तरह हिंसा भड़क उठी और पुलिस ने अबतक क्या एक्शन लिया है?

औरैया: दलित छात्र की मौत पर हिंसा में 9 गिरफ्तार,हत्या का आरोपी टीचर अब भी फरार

  1. 1. औरैया में दलित छात्र की मौत पर बवाल, पूरा मामला क्या है?

    औरैया जनपद के अछल्दा थाने के निवासी राजू सिंह दोहरे का 15 साल का बेटा आदर्श इंटर कॉलेज में 10वीं क्लास में पढ़ता था. पिता राजू सिंह दोहरे ने पुलिस को दी गई अपने लिखित शिकायत में आरोप लगाया है कि स्कूल के सामाजिक विज्ञान के अध्यापक अश्विनी सिंह ने एक शब्द गलत लिखने पर कथित तौर पर उनके बेटे को डंडे और लात-घूसों से पीटा जिससे उसकी मौत हो गयी. यह घटना 7 सितंबर की बताई जा रही है. 

    मृतक के पिता ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि आरोपी शिक्षक ने बच्चे के इलाज के लिए ₹40000 भी दिए लेकिन बाद में फोन उठाना बंद कर दिया. पिता ने यह अभी आरोप लगाया कि शिक्षक ने उसे जातिसूचक गालियां और जान से मारने की धमकी भी दी. परिजनों की मानें तो बच्चे की जांच संजय गांधी पीजीआई अस्पताल लखनऊ के बाद इटावा के सैफई मेडिकल अस्पताल में भी कराई गई लेकिन उसको कोई आराम नहीं मिला और आखिरकार उसकी इलाज के दौरान 25 सितंबर को मौत हो गई. 

    परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने 2 हफ्ते से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद 24 सितंबर को मुकदमा दर्ज किया. मृत बच्चे के पिता राजू सिंह दोहरे ने बताया इस मामले में जब उन्होंने थाने में तहरीर दी तो उसपर कोई सुनवाई नहीं हुई. आला अधिकारियों के निर्देश के बाद ही स्थानीय पुलिस हरकत में आई और उन्होंने बच्चे का बयान दर्ज किया. 
    Expand
  2. 2. औरैया में कैसे भड़की हिंसा?

    सैफई स्थित AIIMS हॉस्पिटल में इलाज के दौरान 25 सितंबर को बच्चे की मौत हुई. पुलिस की मानें तो 26 सितंबर को शाम 6:20 बजे मृतक के परिजन और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने बच्चे के शव को एंबुलेंस से उतार कर उसके स्कूल के सामने वाली सड़क पर रखकर रास्ता जाम कर दिया. झड़प से शुरू हुआ मामला बढ़ता गया और देखते ही देखते प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर धावा बोल दिया. आरोप है कि पत्थरबाजी के अलावा पुलिस की जीप और अन्य गाड़ियों को भी निशाना बनाया गया. भड़की हिंसा के बीच पुलिस वाले अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों पर भाग गए. 

    इसके बाद औरैया पुलिस अधीक्षक चारू निगम समेत कानपुर जोन के सभी आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने स्थिति को संभालने की कोशिश की. हालांकि तब तक प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर पुलिस की एक जीप को आग के हवाले कर दिया था. स्कूल के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे से प्राप्त फुटेज में कुछ उपद्रवी एक खाली पुलिस जीप पर पहले पत्थरबाजी करते और फिर उसे आग के हवाले करते नजर आ रहे हैं. 
    Expand
  3. 3. औरैया: दलित छात्र की मौत के मामले में आरोपी शिक्षक कहां है?

    पीड़ित परिवार मंगलवार, 27 सितंबर को भी अपनी मांगों को लेकर अड़ा रहा. आर्थिक मुआवजा समेत आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर परिवार ने मंगलवार की सुबह शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. हालांकि बाद में आला अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद किसी तरीके से अंतिम संस्कार संपन्न हो पाया.

    पुलिस के मुताबिक, घटना का मुख्य आरोपी शिक्षक अश्विनी सिंह अपनी पत्नी समेत फरार है जिसकी अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. पुलिस का कहना है कि उसकी गिरफ्तारी को लेकर कई टीमें बनाई गई हैं और दबिश दी जा रही है लेकिन अभी तक वह गिरफ्त से बाहर है. 

    Expand
  4. 4. औरैया पुलिस ने हिंसा के आरोपियों पर क्या एक्शन लिए हैं?

    उपद्रव की इस घटना में स्थानीय पुलिस ने पहले कार्यवाही करते हुए 12 गंभीर धाराओं में 35 नामजद और 250 अज्ञात लोगों के खिलाफ अछल्दा थाने में मुकदमा दर्ज किया. आरोपियों में मृतक बच्चे के पिता राजू सिंह दोहरे और उनके परिजन भी शामिल हैं.

    मंगलवार की शाम औरैया पुलिस ने बीती रात छात्र के शव को सड़क पर रखकर प्रर्दशन करने तथा सरकारी वाहनों को जलाने-क्षतिग्रस्त के आरोप में 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

    पुलिस ने आरोप लगाया है कि पुलिस टीम ने प्रदर्शनकारियों को सहानुभूति पूर्वक समझाया और कानूनी कार्यवाही करते हुए न्याय दिलाने का आश्वासन दिया लेकिन प्रदर्शनकारियों ने पुलिस टीम के साथ धक्का-मुक्की, मारपीट, गालीगलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी, वर्दी फाड़ी और सरकारी वाहनों तथा अन्य वाहनों पर पथराव व आगजनी की.

    (हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

    Expand

औरैया में दलित छात्र की मौत पर बवाल, पूरा मामला क्या है?

औरैया जनपद के अछल्दा थाने के निवासी राजू सिंह दोहरे का 15 साल का बेटा आदर्श इंटर कॉलेज में 10वीं क्लास में पढ़ता था. पिता राजू सिंह दोहरे ने पुलिस को दी गई अपने लिखित शिकायत में आरोप लगाया है कि स्कूल के सामाजिक विज्ञान के अध्यापक अश्विनी सिंह ने एक शब्द गलत लिखने पर कथित तौर पर उनके बेटे को डंडे और लात-घूसों से पीटा जिससे उसकी मौत हो गयी. यह घटना 7 सितंबर की बताई जा रही है. 

मृतक के पिता ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि आरोपी शिक्षक ने बच्चे के इलाज के लिए ₹40000 भी दिए लेकिन बाद में फोन उठाना बंद कर दिया. पिता ने यह अभी आरोप लगाया कि शिक्षक ने उसे जातिसूचक गालियां और जान से मारने की धमकी भी दी. परिजनों की मानें तो बच्चे की जांच संजय गांधी पीजीआई अस्पताल लखनऊ के बाद इटावा के सैफई मेडिकल अस्पताल में भी कराई गई लेकिन उसको कोई आराम नहीं मिला और आखिरकार उसकी इलाज के दौरान 25 सितंबर को मौत हो गई. 

परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने 2 हफ्ते से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद 24 सितंबर को मुकदमा दर्ज किया. मृत बच्चे के पिता राजू सिंह दोहरे ने बताया इस मामले में जब उन्होंने थाने में तहरीर दी तो उसपर कोई सुनवाई नहीं हुई. आला अधिकारियों के निर्देश के बाद ही स्थानीय पुलिस हरकत में आई और उन्होंने बच्चे का बयान दर्ज किया. 
ADVERTISEMENTREMOVE AD

औरैया में कैसे भड़की हिंसा?

सैफई स्थित AIIMS हॉस्पिटल में इलाज के दौरान 25 सितंबर को बच्चे की मौत हुई. पुलिस की मानें तो 26 सितंबर को शाम 6:20 बजे मृतक के परिजन और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने बच्चे के शव को एंबुलेंस से उतार कर उसके स्कूल के सामने वाली सड़क पर रखकर रास्ता जाम कर दिया. झड़प से शुरू हुआ मामला बढ़ता गया और देखते ही देखते प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर धावा बोल दिया. आरोप है कि पत्थरबाजी के अलावा पुलिस की जीप और अन्य गाड़ियों को भी निशाना बनाया गया. भड़की हिंसा के बीच पुलिस वाले अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों पर भाग गए. 

इसके बाद औरैया पुलिस अधीक्षक चारू निगम समेत कानपुर जोन के सभी आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने स्थिति को संभालने की कोशिश की. हालांकि तब तक प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर पुलिस की एक जीप को आग के हवाले कर दिया था. स्कूल के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे से प्राप्त फुटेज में कुछ उपद्रवी एक खाली पुलिस जीप पर पहले पत्थरबाजी करते और फिर उसे आग के हवाले करते नजर आ रहे हैं. 
0

औरैया: दलित छात्र की मौत के मामले में आरोपी शिक्षक कहां है?

पीड़ित परिवार मंगलवार, 27 सितंबर को भी अपनी मांगों को लेकर अड़ा रहा. आर्थिक मुआवजा समेत आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर परिवार ने मंगलवार की सुबह शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. हालांकि बाद में आला अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद किसी तरीके से अंतिम संस्कार संपन्न हो पाया.

पुलिस के मुताबिक, घटना का मुख्य आरोपी शिक्षक अश्विनी सिंह अपनी पत्नी समेत फरार है जिसकी अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. पुलिस का कहना है कि उसकी गिरफ्तारी को लेकर कई टीमें बनाई गई हैं और दबिश दी जा रही है लेकिन अभी तक वह गिरफ्त से बाहर है. 

ADVERTISEMENTREMOVE AD

औरैया पुलिस ने हिंसा के आरोपियों पर क्या एक्शन लिए हैं?

उपद्रव की इस घटना में स्थानीय पुलिस ने पहले कार्यवाही करते हुए 12 गंभीर धाराओं में 35 नामजद और 250 अज्ञात लोगों के खिलाफ अछल्दा थाने में मुकदमा दर्ज किया. आरोपियों में मृतक बच्चे के पिता राजू सिंह दोहरे और उनके परिजन भी शामिल हैं.

मंगलवार की शाम औरैया पुलिस ने बीती रात छात्र के शव को सड़क पर रखकर प्रर्दशन करने तथा सरकारी वाहनों को जलाने-क्षतिग्रस्त के आरोप में 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस ने आरोप लगाया है कि पुलिस टीम ने प्रदर्शनकारियों को सहानुभूति पूर्वक समझाया और कानूनी कार्यवाही करते हुए न्याय दिलाने का आश्वासन दिया लेकिन प्रदर्शनकारियों ने पुलिस टीम के साथ धक्का-मुक्की, मारपीट, गालीगलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी, वर्दी फाड़ी और सरकारी वाहनों तथा अन्य वाहनों पर पथराव व आगजनी की.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×