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दिल्ली में BBC के दफ्तर पर इनकम टैक्स का सर्वे, स्टाफ का फोन जब्त- रिपोर्ट

अभी हाल ही में BBC ने 2002 गुजरात दंगे और PM मोदी से जुड़ी डॉक्यूमेंट्री बनाई थी.

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भारत
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दिल्ली और मुंबई में BBC के ऑफिस में इनकम टैक्स की टीम पहुंची है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इनकम टैक्स विभाग के इस एक्शन को सर्वे कहा जा रहा है. बता दें कि अभी हाल ही में BBC ने 2002 गुजरात दंगे और पीएम मोदी से जुड़ी डॉक्यूमेंट्री बनाई थी. जिसपर केंद्र सरकार ने भारत में रोक लगा दिया था.

बीबीसी ने 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' नाम से दो पार्ट में डॉक्यूमेंट्री बनाई थी.

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खबर के मुताबिक, मंगलवार 14 फरवरी को आयकर विभाग की टीम दिल्ली के बाराखंबा स्थित बीबीसी के दफ्तर पर पहुंची है. करीब 10 से 12 अधिकारी मौजूद हैं. वहीं नाम न छापने की शर्त पर बीबीसी के एक कर्मचारी ने बताया कि इनकम टैक्स विभाग के लोगों ने अंदर काम कर रहे कर्मचारियों के फोन रख लिए हैं.

फिलहाल बीबीसी या आयकर विभाग की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.

डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' पर हुआ था विवाद

बता दें कि केंद्र सरकार ने अभी हाल ही में यूट्यूब और ट्विटर को पीएम मोदी पर जारी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री (BBC's documentary) 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' (India: The Modi Question) को शेयर करने वाले वीडियो और ट्वीट्स को हटाने का आदेश दिया था.

सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सीनियर एडवाइजर कंचन गुप्ता ने ट्विटर पर अपडेट देते हुए लिखा है कि "YouTube पर BBCWorld के डक्यूमेंट्री के रूप में खतरनाक प्रोपेगेंडा और भारत विरोधी कचरे के लिंक शेयर करने वाले ट्वीट को भारत के संप्रभु कानूनों और नियमों के तहत ब्लॉक कर दिया गया है."

कांग्रेस ने कहा- अघोषित आपातकाल

बीबीसी पर इनकम टैक्स के सर्वे पर कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार को घेरा है. कांग्रेस ने कहा, "पहले BBC की डॉक्यूमेंट्री आई, उसे बैन किया गया. अब BBC पर IT का छापा पड़ गया है. अघोषित आपातकाल."

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सुप्रीम कोर्ट का BBC पर बैन से इनकार

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार 10 फरवरी को 2002 के गुजरात दंगों पर बनी डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण की वजह से बीबीसी (BBC) पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली हिंदू सेना की जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अदालत सेंसरशिप नहीं लगा सकती है, यह याचिका गलत है.

बेंच में शामिल न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश ने याचिकाकर्ता के वकील वरिष्ठ वकील पिंकी आनंद से पूछा, "एक डॉक्यूमेंट्री देश को कैसे प्रभावित कर सकती है.. आप चाहते हैं कि हम पूरी तरह से सेंसरशिप लगा दें."

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