दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच दिल्ली शासन एक्ट में बदलाव करने वाले एक नए बिल पर तनाव अभी थमा नहीं है. इस बीच एक और मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल सरकार और केंद्र की बीजेपी सरकार आमने-सामने आ गई हैं. केजरीवाल की डोरस्टेप राशन डिलीवरी योजना में केंद्र ने एक 'अड़ंगा' लगा दिया है. केंद्र ने कहा है कि इस योजना के लिए नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) के तहत दिल्ली को आवंटित हुए सब्सिडाइज्ड अनाज का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है.
19 मार्च को उपभोक्ता मामलों के केंद्रीय मंत्रालय ने एक नोट में कहा, "विभाग को कोई आपत्ति नहीं होगी अगर दिल्ली सरकार NFSA अनाज के इस्तेमाल के बिना एक अलग योजना तैयार करती है."
केंद्र ने क्या आपत्ति जताई?
खाद्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव एस जगन्नाथन ने दिल्ली सरकार को एक खत लिखा है. जगन्नाथन ने कहा, "दिल्ली सरकार की तरफ से NFSA अनाज के वितरण के लिए नया नाम या नई योजना के नाम को इजाजत नहीं दी जा सकती है."
केंद्र सरकार की तरफ से लिखे गए खत में दिल्ली सरकार से नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट 2013 के तहत योग्य लाभार्थियों को राशन वितरण के लिए NFSA के मानदंडों को पालन करने का आग्रह किया गया है.
केंद्र सरकार ने कहा कि NFSA के तहत लाभार्थियों को सस्ती दरों पर अनाज उपलब्ध कराने के लिए जो राशन राज्यों को आवंटित किया जाता है उसका उपयोग NFSA के अलावा दूसरे नाम के तहत राज्य की योजना या अन्य योजना को लागू करने के लिए नहीं किया जा सकता है.
साथ ही केंद्र ने कहा कि 'नाम समेत कानून के प्रावधानों में नाम में किसी प्रकार का बदलाव संसदीय प्रक्रियाओं के तहत ही किया जा सकता है.'
केजरीवाल सरकार ने क्या कहा?
दिल्ली सरकार ने केंद्र पर डोरस्टेप राशन वितरण योजना पर रोक लगाने का आरोप लगाया है. केजरीवाल सरकार ने राशन की डोरस्टेप डिलीवरी के लिए योजना को अधिसूचित किया था, जो कि इस साल मार्च के अंत तक प्रभावी होना था. केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय में अपने गणतंत्र दिवस के भाषण के दौरान इस योजना की घोषणा की थी.
NFSA के लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) के ‘मुख्यमंत्री घर घर योजना’(एमएमजीजीआरवाई) के तहत घोषित इस योजना को सरकार ने 20 फरवरी को अधिसूचित किया गया था. लाभार्थियों को उनके घर पर पैकेट में गेहूं का आटा और चावल पहुंचाया जाना था.
केंद्र के खत के बाद दिल्ली सरकार ने बयान जारी कर कहा कि केंद्र सरकार ने डोरस्टेप डिलीवरी योजना पर रोक लगा दी है. केजरीवाल सरकार ने बताया कि ये योजना 25 मार्च से शुरू होने जा रही थी.
आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी इस खबर को शेयर करते हुए केंद्र पर 'राशन माफिया' की मदद करने का आरोप लगाया.
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