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पीएम मोदी पहुंचे ISRO सेंटर, कहा- लैंडर जहां उतरा, वह 'शिवशक्ति पॉइंट' कहलाएगा

PM ने कहा कि विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ ही सालों में भारत का अंतरिक्ष उद्योग 8 अरब डॉलर से 16 अरब डॉलर का हो जाएगा.

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चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संगठन (ISRO) को देश और दुनिया भर से बधाईयां मिल रही हैं. इस बीच शनिवार, 26 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) भी वैज्ञानिकों से मिलने और उन्हें बधाई बेंगलुरु पहुंचे. यहां न सिर्फ उन्होंने वैज्ञानिकों को बधाई दी, बल्कि 23 अगस्त को हर साल 'नेशनल स्पेस डे' मनाने का ऐलान भी कर दिया.

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हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद मोदी ने स्वागत के लिए जमा हुए हजारों लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि न केवल भारत में, बल्कि दुनिया का हर व्यक्ति जो विज्ञान और भविष्य में विश्वास करता है, चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न मना रहा है.

लोगों की भारी भीड़ की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा, "आप इतनी सुबह आ गए, मैं खुद को रोक नहीं सका क्योंकि जब चंद्रयान-3 मिशन सफल हुआ तब मैं यहां नहीं था. मैंने कहा था कि जब मैं भारत आऊंगा तो सबसे पहले बेंगलुरु जाऊंगा और वैज्ञानिकों को बधाई दूंगा.”

'शिवशक्ति' और 'तिरंगा' 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क मिशन कंट्रोल कॉम्प्लेक्स में चंद्रयान-3 मिशन में शामिल इसरो टीम की महिला वैज्ञानिकों से भी मुलाकात की.

चांद के जिस हिस्से पर चंद्रयान-3 उतरा उसे पीएम मोदी ने 'शिवशक्ति' नाम दिया है. इसके अलावा 2019 में चंद्रयान-2 ने चंद्रमा पर जहां अपने पदचिह्न छोड़े थे, उसे 'तिरंगा प्वाइंट' के नाम से जाना जाएगा.
"महिला वैज्ञानिकों ने चंद्रयान 3 में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यह 'शिवशक्ति' बिंदु आने वाली पीढ़ियों को लोगों के कल्याण के लिए विज्ञान का उपयोग करने के लिए प्रेरित करेगा. लोगों का कल्याण हमारी सर्वोच्च प्रतिबद्धता है."

हर साल 23 अगस्त को 'नेशनल स्पेस डे'

इसके साथ ही पीएम मोदी ने ऐलना किया कि अब से हर साल 23 अगस्त को 'नेशनल स्पेस डे' के तौर पर मनाया जाएगा.

पीएम ने कहा कि विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ ही सालों में भारत का अंतरिक्ष उद्योग 8 अरब डॉलर से 16 अरब डॉलर का हो जाएगा.

ISRO के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "भारत का ज्ञान और विज्ञान का खजाना गुलामी के कालखंड के नीचे दबा हुआ है. आजादी के 'अमृत काल' में, हमें इस संदूक को खोलना है." खास बात रही कि पीएम ने अपने भाषण के अंत में 'भारत माता की जय' का नारा लगाने के बाद 'जय विज्ञान, जय अनुसंधान' का नारा भी लगाया.

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