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भारत का ऐप बैन करने का फैसला इंटरनेशनल ट्रेड नियमों के खिलाफ- चीन

चीन ने भारत के फैसले को बताया भेदभावपूर्ण

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भारत
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भारत ने मशहूर ऐप टिक-टॉक समेत कुल 59 चीनी ऐप्स को बैन कर दिया है. भारत की तरफ से लगाए गए इस बैन को लेकर पहले चीन ने कहा था कि वो चिंतित हैं और इसकी समीक्षा कर रहे हैं. लेकिन अब चीन की तरफ से इसे लेकर एक बयान जारी किया गया है. जिसमें चीन ने कहा है कि चीन इस फैसले का विरोध करता है. इसके अलावा चीन ने कहा है कि भारत ने ऐसा करके इंटरनेशन ट्रेड के नियमों को तोड़ा है.

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फैसले को बताया भेदभावपूर्ण

चीन ने 59 ऐप्स के ब्लॉक होने के बाद जारी बयान में कहा, भारत ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए चीनी ऐप्स पर बैन लगाया है. भारत का कहना है कि इन ऐप्स के जरिए डेटा लीक किया जा रहा है, जो सुरक्षा को लेकर खतरा पैदा कर सकता है. इसे लेकर चीन काफी चिंतित है और इस तरह के एक्शन का विरोध करता है. बयान में आगे कहा गया,

"भारत का ये फैसला चुने हुए चीनी ऐप्स पर भेदभावपूर्ण तरीके से लिया गया है. ये एक पारदर्शी प्रक्रिया के विरुद्ध है. भारत का ये फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा के अपवादों का भी दुरुपयोग करता है. इसके अलावा ये विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के भी खिलाफ है. ये फैसला इंटरनेशनल ट्रेड और ई-कॉमर्स के नियमों का भी उल्लंघन करता है."
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'भारतीय कर्मचारियों पर पड़ेगा असर'

चीन की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि, ऐप्स को बैन करना भारतीय उपभोक्ताओं के हितों और मार्केट कॉम्पिटिशन के लिए अनुकूल नहीं है. चीन ने कहा है कि, जिन ऐप्स को भारत ने बैन किया है, उनके यूजर्स की संख्या भारत में काफी ज्यादा है. ये सभी ऐप भारतीय कानून और नियमों का सख्ती से पालन कर रहे थे. इसके अलावा ये ऐप्स भारतीय उपभोक्ताओं को काफी तेज और सरल सेवा दे रहे थे. चीन ने ये भी कहा है कि इन ऐप्स को बैन करने के बाद भारतीय कर्मचारियों पर इसका असर पड़ेगा. बयान में कहा गया है,

"चीनी ऐप्स पर इस बैन का न सिर्फ भारत में काम कर रहे कर्मचारियों पर असर पड़ेगा, बल्कि लोगों की दिलचस्पी और कई एंटरप्रेन्योर और क्रिएटर्स की रोजी-रोटी पर भी ये काफी असर डालेगा."
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'फैसले पर विचार करे भारत'

चीन ने भारत से अपने फैसले पर विचार करने को लेकर कहा कि, हम उम्मीद करते हैं कि भारत दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापार सहयोग के नेचर को स्वीकार करेगा. साथ ही हम भारत से अपील करते हैं कि वो अपनी इन भेदभावपूर्ण आदतों को बदले, जिससे चीन और भारत के बीच आर्थिक और व्यापार सहयोग बना रहे. भारत दोनों देशों के मौलिक हितों और द्विपक्षीय संबंधों को ध्यान में रखते हुए सभी इनवेस्टमेंट और सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ एक समान व्यवहार करे और एक खुला, निष्पक्ष और बिजनेस एनवायरमेंट पैदा करे.

टिक-टॉक और हेलो ने क्या कहा?

चीनी ऐप टिक-टॉक और हेलो ने भी बैन के बाद बयान जारी किया है. टिक-टॉक ने कहा कि वो सरकार के 59 चीनी ऐप को प्रतिबंधित करने के निर्देश के अनुपालन की प्रक्रिया में हैं और वे किसी भी भारतीय का डेटा चीनी सरकार को नहीं देते है. टिकटॉक इंडिया के प्रमुख निखिल गांधी ने कहा,

"भारत सरकार ने टिकटॉक समेत 59 चीनी एप को प्रतिबंधित करने का अंतरिम आदेश जारी किया है और हम इसका अनुपालन करने की प्रक्रिया में हैं. कंपनी को संबंधित सरकारी हितधारकों से मिलने और स्पष्टीकरण देने के मौके के लिए बुलाया गया है."
निखिल गांधी, टिकटॉक इंडिया के प्रमुख

गांधी ने कहा, "टिकटॉक भारतीय कानून के अनुसार डेटा प्राइवेसी और सुरक्षा जरूरतों का अनुपालन करना जारी रखेगा और हम चीनी सरकार समेत किसी भी विदेशी सरकार को हमारे यूजर्स के डेटा को शेयर नहीं करते हैं."

चीनी ऐप 'हेलो' के एक प्रवक्ता ने कहा, "हम प्रमुख हितधारकों के साथ अपनी प्रतिक्रिया और स्पष्टीकरण देने के मौके के लिए काम कर रहे हैं. हेलो भारतीय कानून के तहत डेटा प्राइवेसी और सुरक्षा जरूरतों का अनुपालन करेगा."

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