दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने ED के पांचवें समन को गैर-कानूनी बताते हुए ईडी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया है. केजरीवाल ने कहा है कि वह दिल्ली शराब नीति मामले में फिर से पूछताछ में शामिल नहीं होंगे. AAP ने कहा "पीएम मोदी का लक्ष्य अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करना और दिल्ली सरकार को गिराना है. हम ऐसा नहीं होने देंगे."
केजरीवाल को 2 फरवरी को यानी की आज दिल्ली मुख्यालय में जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था. इससे पहले अरविंद केजरीवाल को 19 जनवरी को पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन पूछताछ में शामिल नहीं हुए. इस समन को अवैध बताते हुए केजरीवाल ने कहा था कि उनका एकमात्र उद्देश्य गिरफ्तार करना है.
AAP संयोजक और दिल्ली सीएम केजरीवाल ने 2 नवंबर, 21 दिसंबर और 3 जनवरी के लिए पहले के तीन समन पर भी जांच एजेंसी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था. पार्टी ने एजेंसी की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है.
"पीएम मोदी का लक्ष्य अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करना और दिल्ली सरकार को गिराना है. हम ऐसा नहीं होने देंगे."पार्टी ने एक बयान में बताया
अप्रैल में मामले के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अरविंद केजरीवाल से पूछताछ की थी, लेकिन एजेंसी ने उन्हें आरोपी नहीं बनाया था. प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पहला समन जारी किए जाने के बाद से ही ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को पूछताछ के बाद एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया जाएगा.
पार्टी को केजरीवाल के गिरफ्तारी की आशंका
AAP के तीन नेता मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और सत्येन्द्र जैन जेल में हैं. अब केजरीवाल को ईडी के समन मिलने के बाद से पार्टी के नेता आरोप लगा रहे हैं कि ईडी केजरीवाल को गिरफ्तार कर सकती है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ED के समन पर दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने कहा, "नोटिस भी वही पुराना आ रहा है. जब नोटिस वही आ रहा है तो उस पर हमारा जो कानूनी स्टैंड है वो भी वही पुराना रहेगा.
बीजेपी ने केजरीवाल को घेरा
बीजेपी नेता हरीश खुराना ने केजरीवाल को घेरा है. उन्होंने कहा- "एक बार फिर अरविंद केजरीवाल ईडी के समन पर नहीं पहुंचे. यह पांचवीं बार है जब वह ईडी के समन में शामिल नहीं हुए हैं. अरविंद केजरीवाल इसे गैरकानूनी बता रहे हैं, तो सवाल उठता है कि अगर समन अवैध है तो उन्होंने कोर्ट जाकर इसे रद्द क्यों नहीं कराया. यह खुद को असहाय दिखाने की एक रणनीति मात्र है..."
बीजेपी का क्या आरोप?
बीजेपी ने आरोप लगाया है कि कथित घोटाले की आय का इस्तेमाल AAP ने गुजरात में अपने बड़े पैमाने के अभियान को चलाने के लिए किया था, जिसमें उसे 12.91 प्रतिशत वोट मिले और खुद को एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में स्थापित किया
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)