भारत में जारी कोरोना संकट के बीच विदेशों से मदद के हाथ आगे बढ़ रहे हैं. फ्रांस, अमेरिका, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान समेत कई देशों ने संकट की इस घड़ी में सहयोग की पेशकश की है. कई अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं और इंटरनेशनल एक्टिविस्ट ने भी कोविड-19 महामारी को लेकर भारत के हालात पर चिंता जताई है और विश्व समुदाय से हरसंभव मदद करने की अपील की है.
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि, यूनाइटेड स्टेट तेजी से भारत को मदद मुहैया कराएगा. वहीं जर्मनी और यूरोपीय यूनियन ने भी भारत को मदद की पेशकश की है.
हम दिल से भारत के लोगों के साथ- अमेरिकी विदेशी मंत्री
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि कोरोना महामारी के इस बुरे दौर में अमेरिका मेडिकल सामग्री देकर भारत की मदद करेगा.
एंटनी ब्लिंकन ने ट्वीट करते हुए कहा- ‘कोरोना महामारी के बीच हम दिल से भारतीय लोगों के साथ हैं और भारत सरकार में मौजूद अपने सहयोगियों से लगातार संपर्क में हैं और जल्द ही भारत को मेडिकल सामान की सप्लाई करेंगे ताकि भारतीय लोगों और उनकी सेवा में लगे स्वास्थ्यकर्मियों को मदद मिल सके.’
यूएस सेक्रेटरी ऑफ स्टेट, एंटनी ब्लिंकन का यह बयान उस वक्त आया है जब अमेरिकी सांसद बाइडेन प्रशासन पर भारत की मदद करने का दबाव बना रहे हैं.
“भारत में खतरनाक स्तर पर कोविड विस्फोट को लेकर अमेरिका बेहद चिंतित है. हम लगातार भारत सरकार और सहयोगियों के साथ बात करके कोरोना पीड़ितों को मदद करने की कोशिश कर रहे हैं.”जैक सुलेविन, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, अमेरिका
‘वैक्सीन निर्माण के लिए भारत को कच्चा माल उपलब्ध कराएगा अमेरिका’
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने जैक सुवेलियन ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल से कहा कि... अमेरिका कोविशील्ड वैक्सीन के लिए जरूरी कच्चे माल के स्त्रोत की पहचान करके उसे भारत को उपलब्ध कराएगा.
इससे पहले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से कोरोना वैक्सीन के निर्माण में इस्तेमाल किए जाने वाले कच्चे माल के निर्यात से प्रतिबंध हटाने की मांग की थी.
US चैंबर ऑफ कॉमर्स की बाइडेन प्रशासन से अपील
यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स ने भारत में कोरोना वैक्सीन की कमी को लेकर अमेरिकी सरकार से मदद करने की अपील की है.
यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स ने कहा कि-
”महामारी के इस वक्त में यूएस प्रशासन को एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के लाखों डोज को रिलीज करना चाहिए, साथ ही भारत समेत अन्य प्रभावित देशों को मेडिकल और लाइफ सपोर्ट सिस्टम भेजना चाहिए.”
'भारत के लोगों के प्रति सहानुभूति'- जर्मनी
कोरोना संकट की इस घड़ी में जर्मनी ने भी भारत को मदद की पेशकश की है. जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल की ओर से जर्मन सरकार के प्रवक्ता स्टेफन सिबर्ट ने ट्वीट करते हुए लिखा कि...
कोरोना महामारी की मार से जूझ रहे भारत के लोगों के प्रति जर्मनी की सरकार सहानुभूति प्रकट करती है. महामारी के विरुद्ध यह हमारी साझा लड़ाई है और जर्मनी भारत के साथ खड़ा है. हम जल्द ही भारत को सहयोग प्रदान करेंगे.स्टेफन सिबर्ट, प्रवक्ता, जर्मन सरकार
वहीं भारत में यूरोपीय यूनियन के राजदूत उगो एसटूटो ने कहा कि, यूरोपीय यूनियन के सदस्य इस मुश्किल वक्त में भारत के लोगों की हरसंभव मदद करेंगे.
वहीं यूरोपीय यूनियन के प्रेसिडेंट उर्सूला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि...भारत में महामारी गंभीर संकट पैदा हो गया है. हम तेजी से भारत की मदद करने के लिए तैयार हैं और एकजुटता से भारत के साथ खड़े हैं.
ब्रिटेन और फ्रांस भी भारत की मदद के लिए तैयार
भारत में कोरोना संकट को देखते हुए ब्रिटेन ने 600 मेडिकल डिवाइस समेत ऑक्सीजन कंटेनर्स और वेंटिलेटर्स भारत भेजने का ऐलान किया है.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारत को अपना बड़ा साझेदार बताते हुए ब्रिटिश मीडिया से कहा कि, हम इस पर विचार कर रहे हैं कि हम कोरोना संकट में फंसे भारत के लोगों की क्या मदद कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन वेंटिलेटर्स और अन्य उपकरणों को लेकर भारत की मदद करेगा.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युल मेकों ने कहा कि..फ्रांस कोरोना संकट से जूझ रहे भारत के लोगों के साथ खड़ा है और हर सहयोग के लिए तैयार हैं.
AFP के अनुसार, फ्रांस ने भारत को ऑक्सीजन से संबंधित सहायता प्रदान करने की बात कही है.
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने की मदद की पेशकश
भारत में कोरोना संकट के बीच पड़ोसी देश पाकिस्तान ने मदद देने के लिए आधिकारिक रूप से दिल्ली को संपर्क किया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बताया कि वायरस के खिलाफ लड़ाई में जरूरी वेंटीलेटर, एक्स-रे मशीन समेत मेडिकल उपकरणों की मदद के लिए दिल्ली से संपर्क किया गया है.
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