कोरोना वायरस के चलते दुनियाभर के कई देशों मे लॉकडाउन है. भारत में भी पिछले 40 दिनों से ज्यादा वक्त से लॉकडाउन लागू है. लेकिन अब इस लॉकडाउन के बीच सरकार अपने फंसे हुए लोगों को वापस लाने की तैयारी कर रही है. केंद्र सरकार ने एक बार फिर विदेशों में फंसे लोगों की वापसी का प्लान बनाया है. जिसके तहत 7 दिन में 64 फ्लाइट्स के जरिए भारतीय नागरिकों को वापस लाया जाएगा.
बताया गया है कि इन सभी फ्लाइट्स में कुल 14,800 भारतीय लौटेंगे. ये फ्लाइट्स देश के अलग-अलग शहरों में जाएंगी. जिसके बाद सभी पैसेंजर्स का वहां मेडिकल चेकअप होगा और उन्हें क्वॉरंटीन में रखा जा सकता है. हर फ्लाइट में करीब 200 से लेकर 300 पैसेंजर सफर करेंगे.
भारत सरकार यूएई, सऊदी अरब, यूके, यूएसए, सिंगापुर, बांग्लादेश, कतर, कुवैत सहित अन्य देशों में फंसे भारतीयों को वापस ला रही है. ये सभी लोग एयर इंडिया की फ्लाइट्स में अपने देश लौटेंगे.
किस देश में कितनी फ्लाइट्स?
- यूएई - 10 फ्लाइट्स
- कतर - 2 फ्लाइट्स
- सऊदी अरब - 5 फ्लाइट्स
- यूके - 7 फ्लाइट्स
- सिंगापुर - 5 फ्लाइट्स
- अमेरिका - 7 फ्लाइट्स
- कुवैत - 5 फ्लाइट्स
- फिलीपींस - 5 फ्लाइट्स
- बांग्लादेश - 7 फ्लाइट्स
- बहरीन - 2 फ्लाइट्स
- मलेशिया - 7 फ्लाइट्स
- ओमान - 2 फ्लाइट्स
भारत सरकार की तरफ से दी गई ताजा जानकारी के मुताबिक, दोहा और भारत के बीच भी फ्लाइट्स की सुविधा दी गई है. दोहा से भारत के लिए दो फ्लाइट आएंगीं. जिसमें से एक 7 मई को दोहा से कोच्चि और दूसरी 10 मई को दोहा से तिरअनंतपुरम आएगी.
सरकार की तरफ से बताया गया है कि लंदन से दिल्ली आने वाली फ्लाइट के लिए प्रति पैसेंजर 50 हजार रुपये चुकाने होंगे. वहीं ढ़ाका से दिल्ली आने वाली फ्लाइट का फेयर 12 हजार रुपये होगा. सभी भारतीय 7 मई से लेकर 13 मई तक भारत आएंगे.
मालदीव और यूएई भेजीं गईं नेवी की शिप
डिफेंस प्रवक्ता की तरफ से जारी एक बयान में ये भी बताया गया है कि भारत ने तीन नेवी शिप को यूएई और मालदीव के लिए रवाना किया है. जिनमें कोरोना की वजह से फंसे हुए लोग वापस भारत आएंगे. ये तीनों शिप कोचि लौटेंगी. इससे पहले सरकार की तरफ से सोमवार को जारी एक बयान में कहा गया था कि अलग-अलग चरणों में विदेशों में फंसे भारतीयों की वापसी होगी. इसके लिए एयरक्राफ्ट और नेवी शिप का इंतजाम किया गया है.
सोमवार को ये भी बताया गया था कि विदेश में फंसे भारतीयों को वापस आने के लिए अब पेमेंट देनी होगी. यानी उन्हें फ्लाइट का खर्चा खुद ही उठाना होगा. इस पूरी प्रक्रिया से जुड़ा SOP तैयार कर लिया गया है. बता दें कि इससे पहले भी भारत कई देशों में फंसे भारतीयों को वापस ला चुका है. हालांकि तब उनसे किराया नहीं वसूला गया था.
भारत पहुंचने के बाद इन यात्रियों को आरोग्य सेतु ऐप पर रजिस्टर करना होगा और सभी की मेडिकल जांच होगी. स्क्रूटनी के बाद इन लोगों को 14 दिन के लिए अस्पतालों में या इंस्टीट्यूशन क्वॉरंटीन रखा जाएगा. क्वॉरंटीन की व्यवस्था संबंधित राज्य सरकारें पेमेंट बेसिस पर करेंगी. 14 दिन के बाद कोविड-19 टेस्ट होगा और हेल्थ प्रोटोकॉल के बाद एक्शन लिया जाएगा.
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