केंद्र सरकार ने 19 अप्रैल को ऐलान किया कि 1 मई से 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को कोविड वैक्सीन दी जा सकेगी. इसके साथ ही केंद्र ने कहा कि अब राज्य सीधे वैक्सीन मैन्युफेक्चरर्स से वैक्सीन खरीद सकेंगे और मैन्युफेक्चरर्स प्राइवेट अस्पतालों को भी सप्लाई कर सकेंगे. 21 अप्रैल को सीरम इंस्टीट्यूट ने राज्यों और अस्पतालों के लिए Covishield की नई कीमतों का ऐलान किया. लेकिन कई राज्यों ने लोगों को वैक्सीन मुफ्त देने का ही वादा किया है.
क्योंकि अब राज्य सीधे वैक्सीन मैन्युफेक्चरर्स से वैक्सीन खरीदेंगे तो केंद्र जो राज्यों को मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध करा रहा था, वो इंतजाम बंद होने की संभावना है. केंद्र ने कहा है कि वो सिर्फ शुरुआती 30 करोड़ लोगों को ही मुफ्त में वैक्सीन देगा. ये हेल्थकेयर, फ्रंटलाइन और 65 की उम्र से ज्यादा वो लोग हैं, जिन्हें और भी बीमारी हैं. '
अभी तक सरकारी अस्पताल में कोविड वैक्सीन मुफ्त में मिल रही है. वहीं, प्राइवेट अस्पतालों में इसकी कीमत 250 रुपये प्रति डोज है. 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद राज्यों के पास एक बड़ी जनसंख्या को वैक्सीन देने की जिम्मेदारी होगी.
ऐसी भी आशंका जताई जा रही है कि जो लोग वैक्सीन की एक डोज ले चुके हैं, उन्हें शायद अब निजी अस्पताल में दूसरी दज 250 रुपये में नहीं मिलेगी. ये अनुमान इसलिए लगाया जा रहा है क्योंकि अब वैक्सीन मैन्युफेक्चरर सीधे निजी अस्पताल को वैक्सीन देंगे और ऐसे में इसकी कीमत बढ़ेगी.
किन राज्यों में अभी भी मुफ्त मिलेगी वैक्सीन?
21 अप्रैल को छत्तीसगढ़, बिहार, मध्य प्रदेश और केरल ने ऐलान किया कि वो सभी वयस्कों को वैक्सीन देने का भार उठाएंगे. मतलब कि इन राज्यों में 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को कोविड वैक्सीन मुफ्त में मिलेगी.
इससे पहले 20 अप्रैल को उत्तर प्रदेश और असम ने भी मुफ्त वैक्सीन देने का ऐलान किया था.
वैक्सीन सीधे मैन्युफेक्चरर से खरीदने के फैसले पर कई राज्यों ने केंद्र की आलोचना भी की है. इन राज्यों का कहना है कि केंद्र अपनी 'जिम्मेदारी' से भाग रहा है.
कांग्रेस बोली- वन नेशन, वन प्राइस हो
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने 20 अप्रैल को कहा था कि वैक्सीन प्राइसिंग में लिबरलाइजेशन करके और वैक्सीन डोज की कीमत तय न करके केंद्र सरकार प्राइस बिडिंग को बढ़ावा दे रही है.
चिदंबरम ने कहा, "वैक्सीन जिस कीमत पर केंद्र को मिलती थी, उस पर राज्यों को नहीं मिलेगी. सीमित संसाधन वाले राज्यों को इससे नुकसान होगा. किसी को नहीं पता है कि पीएम केयर्स फंड के तहत जोड़े गए हजारों करोड़ कहां गए हैं."
वहीं, जयराम रमेश ने 'वन नेशन, वन प्राइस' की मांग रखी थी. रमेश ने कहा कि केंद्र, राज्य और प्राइवेट अस्पतालों के लिए वैक्सीन डोज का दाम एक ही होना चाहिए.
Covishield की नई कीमतें जारी
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने राज्यों और निजी अस्पतालों के लिए ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की COVID-19 वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) की कीमतों का ऐलान कर दिया है. भारत में इस वैक्सीन को बना रहे SII ने कहा है कि राज्यों के लिए Covishield की कीमत 400 रुपये प्रति खुराक और निजी अस्पतालों के लिए 600 रुपये प्रति खुराक होगी.
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