ADVERTISEMENTREMOVE AD

दिल्ली: कोरोना पॉजिटिव पत्रकार ने AIIMS से कूदकर किया सुसाइड

दिल्ली के एक बड़े हिंदी दैनिक में बतौर रिपोर्टर कर रहे थे काम

Updated
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

कोरोना महामारी के बीच कई दिल दहला देने वाली खबरें भी सामने आ रही हैं. लाखों जानें ले चुके कोरोना के चलते दिल्ली में काम करने वाले एक पत्रकार तरुण सिसोदिया ने भी हार मान ली और सुसाइड कर लिया. कोरोना वायरस के चलते उन्हें दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. जिसके बाद उन्होंने एम्स के ही ट्रामा सेंटर की चौथी मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

तरुण एक बड़े हिंदी न्यूज पेपर में बतौर रिपोर्टर काम करते थे, लेकिन नौकरी को लेकर भी लगातार खतरा बना हुआ था. कुछ ही महीने पहले कंपनी में हुई छंटनी के दौरान उन्हें भी नोटिस मिला था, लेकिन आखिरकार उनकी नौकरी बच गई थी.

पत्रकार का इससे कुछ ही महीने पहले जीबी पंत हॉस्पिटल में ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन भी हुआ था.

एम्स ने जारी किया बयान

इस घटना को लेकर उठ रहे सवालों के बीच दिल्ली एम्स की तरफ से भी एक बयान जारी किया गया है. जिसमें उन्होंने बताया है कि पत्रकार को कोरोना के लक्षणों के चलते आईसीयू में भर्ती कराया गया था. लेकिन उनकी हालत में सुधार हो रहा था और जल्द ही उन्हें जनरल वार्ड में शिफ्ट करने की तैयारी थी. एम्स ने बताया कि पत्रकार दोपहर 1 बजकर 55 मिनट पर अचानक अपने बेड से उठकर चौथी मंजिल की तरफ जाने लगे. ऐसा देखकर हॉस्पिटल स्टाफ भी उनके पीछे गया, लेकिन वो ऊपर की तरफ तेजी से भागे और सीड़ियों के पास लगी कांच की खिड़की को तोड़ते हुए नीचे कूद गए. इसके तुरंत बाद उन्हें ट्रामा सेंटर के आईसीयू ले जाया गया, लेकिन चोट लगने के कारण उनकी मौत हो गई.

मां भी कोरोना पॉजिटिव

मृतक तरुण सिसोदिया की मां भी कोरोना पॉजिटिव हैं. वो फिलहाल दिल्ली के राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में भर्ती हैं. बताया गया है कि जिस दौरान ये घटना हुई, तब उनके भाई उनकी मां के साथ आरएमएल हॉस्पिटल में थे. उन्हें इस घटना की जानकारी एम्स की तरफ से फोन करके दी गई. जिसके बाद वो मौके पर पहुंचे.

पत्रकार के सुसाइड को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह के सवाल भी उठाए जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि उन्हें एम्स के आईसीयू में भर्ती कराया गया था. लेकिन वो छत तक कैसे पहुंच गए. जबकि आमतौर पर आईसीयू से मरीज को अकेले बाहर नहीं निकलने दिया जाता है. वहीं पत्रकार के ऑफिस ग्रुप से भी कुछ वॉट्सऐप स्क्रीनशॉट शेयर किए जा रहे हैं, जिनमें वो काफी घबराए हुए नजर आ रहे हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×