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परिसीमन आयोग: जम्मू के लिए 6 अतिरिक्त सीटों का प्रस्ताव, कश्मीर घाटी के हिस्से 1

मसौदा प्रस्ताव को पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला तथा पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सिरे से नकारा

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भारत
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जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) को राज्य का दर्जा वापस देने की कवायद को आगे बढ़ाते हुए परिसीमन आयोग (Delimitation Commission)ने जम्मू क्षेत्र में विधानसभा सीटों की संख्या 43 और कश्मीर घाटी में 47 तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है, जबकि 24 सीटें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में रहने की उम्मीद है. आयोग द्वारा तैयार किए गए अपने पहले ड्राफ्ट पेपर में जम्मू-कश्मीर में एसटी के लिए नौ और एससी के लिए सात सीटों का प्रस्ताव किया गया है.

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हालांकि सहयोगी सदस्यों के साथ 20 दिसंबर को नई दिल्ली में परिसीमन आयोग की बैठक के दौरान चर्चा किए गए इस मसौदा प्रस्ताव को नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला तथा पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सिरे से नकार दिया है.

गौरतलब है कि परिसीमन आयोग ने सोमवार, 20 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर के पांच सांसदों को बैठक में शामिल होने के लिए बुलाया था, जिनमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, एम अकबर लोन और हसनैन मसूदी, जम्मू-कश्मीर के बीजेपी प्रवक्ता जितेंद्र सिंह और बीजेपी के जुगल किशोर शर्मा शामिल थे.

आयोग ने सहयोगी सदस्यों से दिसंबर के अंत तक अपने सुझाव देने को कहा है.

जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग की मसौदा सिफारिश अस्वीकार्य- उमर अब्दुल्ला

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि परिसीमन आयोग की यह सिफारिश अस्वीकार्य है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि

“जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग की मसौदा सिफारिश अस्वीकार्य है. नए बनाए गए विधानसभा क्षेत्रों का वितरण, जिसमें 6 जम्मू और केवल 1 कश्मीर में जा रहे हैं, 2011 की जनगणना के डेटा के अनुसार उचित नहीं है”
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उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा कि “यह बेहद निराशाजनक है ऐसा लगता है कि आयोग ने बीजेपी के राजनीतिक एजेंडे को अपनी सिफारिशों को तय करने की अनुमति दी है, न कि डेटा को, केवल जिस पर विचार किया जाना चाहिए था. वादा किए गए "वैज्ञानिक दृष्टिकोण" के विपरीत यह एक राजनीतिक दृष्टिकोण है.”

आयोग केवल बीजेपी के राजनीतिक हितों को साधने के लिए बनाया गया है- महबूबा मुफ्ती

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया कि

“परिसीमन आयोग के बारे में मेरी आशंका गलत नहीं थी. वे जनसंख्या की जनगणना की अनदेखी करके और एक क्षेत्र के लिए 6 सीटों और कश्मीर के लिए केवल एक का प्रस्ताव करके लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करना चाहते हैं.”

एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि “यह आयोग केवल धार्मिक और क्षेत्रीय आधार पर लोगों को विभाजित करके बीजेपी के राजनीतिक हितों को साधने के लिए बनाया गया है. असली गेम प्लान जम्मू-कश्मीर में एक ऐसी सरकार स्थापित करना है जो अगस्त 2019 के अवैध और असंवैधानिक फैसलों को वैध बनाएगी.”

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आयोग ने निष्पक्ष रूप से तैयार किया है डॉक्यूमेंट - केंद्र सरकार

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने प्रेस को बताया कि “आयोग एक डॉक्यूमेंट लेकर आया है जो निष्पक्ष रूप से तैयार किया गया है. सभी संबंधित सदस्यों ने, पार्टी की परवाह किए बिना, परिसीमन आयोग द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की. नेशनल कॉन्फ्रेंस के सदस्य भी आयोग द्वारा अपनाए गए पैरामीटर से संतुष्ट थे”

गौरतलब है कि जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या 107 से बढ़कर 114 हो जाएगी. मसौदा प्रस्ताव में इन 7 नयी विधानसभा सीटों में से 6 जम्मू और केवल 1 कश्मीर में जा रहे हैं, जिससे जम्मू क्षेत्र को लाभ होने की उम्मीद है.

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