भारत में सोमवार, 2 मई की शाम ईद का चांद दिख गया. ऐसे में मंगलवार यानी 3 मई को देशभर में धूमधाम से ईद (Eid 2022) मनाई जाएगी.
बता दें, ईद-उल-फितर मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार होता है. दुनिया भर में ईद का त्योहार रमजान का पाक महीना खत्म होने के बाद मनाया जाता है. करीब महीने भर तक चले रोजों के बाद चांद का दीदार किया जाता है और उसी के बाद ईद की तारीख की जानकारी प्राप्त होती है.
इस बार ईद 3 मई 2022 को मनाई जाएगी. मुस्लिम समुदाय में ईद के वक्त अच्छी खासी रौनक देखने को मिलती है. इस दौरान मस्जिदों को सजाया जाता है, सभी लोग इस दिन नए कपड़े पहनने के साथ-साथ अपने-अपने घरों में पकवान बनाते है. ईद पर अपनों से छोटों को ईदी के रूप में तोहफों के अलावा पैसे भी दिए जाते हैं और सारे गिले शिकवे भूल कर आपस में एक दूसरे से गले मिल कर ईद की मुबारकबाद दी जाती है.
क्या है ईद के चांद का महत्व
मुस्लिम धर्म को मानने वाले अनुयायी विशेष कैलेंडर को मानते हैं. जिसको चंद्रमा की उपस्थिति और अवलोकन द्वारा निर्धारित किया गया है. इसके अनुसार रमजान के महीने के बाद ईद का चांद नजर आता है. रमजान के पाक महीने की शुरुआत चांद के दीदार से ही होती है और ये खत्म भी चांद के दीदार से होता है.
पहली बार कब मनाई गई थी ईद
इस्लाम धर्म का यह त्योहार मूलरूप से अमन और भाईचारे को बढ़ावा देता है और अपने मजहब के प्रति समर्पण को दर्शाता है. कहा जाता है कि 624 ई में पहली बार ईद उल फितर मनाया गया. इसके अलावा इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार जंग-ए-बद्र के बाद ईद-उल-फितर की शुरुआत हुई थी. बताया जाता है कि इस जंग का नेतृत्व ख़ुद पैगंबर मोहम्मद साहब ने किया था और इस जंग में मुस्लिम समुदाय की फतह हुई थी.
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