गुजरात (Gujarat) के वडोदरा शहर के बाहरी इलाके में हरनी झील में गुरुवार (18 जनवरी) शाम एक नाव पलटने से 12 छात्रों और दो शिक्षकों की मौत हो गई. पुलिस ने इस मामले में 18 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और दो गिरफ्तार हुए हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, नाव पर 14 लोगों के बैठने की क्षमता थी लेकिन उसमें 29 यात्री सवार थे. वहीं, नाव पर लाइफ जैकेट भी उपलब्ध नहीं था. साथ ही, बचाव कार्य के लिए नामित व्यक्ति और सीसीटीवी भी नहीं था.
जांच के लिए हाईलेवल कमेटी गठित
गुजरात सरकार ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं, साथ ही वडोदरा जिला कलेक्टर को 10 दिनों के भीतर विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. जांच का उद्देश्य त्रासदी के कारणों और परिस्थितियों की पहचान करना, संभावित लापरवाही का आकलन करना और भविष्य में इसी तरह की घटनाओं को रोकने के लिए उपाय सुझाना है.
भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) के तहत एक प्राथमिकी (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज की गई है और मामले के संबंध में अब तक दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है.
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को पकड़ने के लिए टीमों का गठन किया गया है और मामले को लेकर व्यापक जांच चल रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक संदेश में कहा, ''वडोदरा की हरनी झील में एक नाव पलटने से हुई जनहानि से व्यथित हूं. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं. घायल जल्द ही ठीक हो जाएं.”
पीएम ने आगे कहा, "स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है. प्रत्येक मृतक के परिजनों को पीएमएनआरएफ से 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी. घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे."
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