उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi) में ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) में शिवलिंग के होने का दावा किए जाने के बाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद बहुत पुरानी है और यह बीजेपी की जानबूझ कर की गई साजिश है. जो भी लोग ऐसे मुद्दे उठाते हैं ये बीजेपी के मित्र हैं और समय-समय पर बाहर आते हैं.
अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर उनके ये अदृश्य सहयोगी हैं. ये निकल कर आते हैं और नफरत के बीज बोते हैं.
इसके अलावा एसपी प्रमुख अखिलेश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि पुरानी चीजों को नहीं उठाया जा सकता लेकिन बीजेपी चाहती है कि महंगाई पर चर्चा न हो इसलिए जानबूझकर ऐसा काम करती है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक अखिलेश यादव ने कहा कि आज तेल और खाने-पीने की चीजें महंगी होती जा रही हैं और बीजेपी के पास इस महंगाई व बेरोजगारी को लेकर कोई जवाब नहीं है. उन्होंने कहा कि चुनाव तक ऐसे मुद्दों को उठाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के पास नफरत वाला कैलेंडर है.
बता दें कि एसपी प्रमुख अखिलेश यादव से पहले मुरादाबाद से एसपी सांसद एसटी हसन भी ज्ञानवापी मस्जिद मुद्दे को लेकर सवाल उठा चुके हैं. एसटी हसन ने ज्ञानवापी मुद्दे पर बयान देते हुए कहा कि जो काम मुगलों ने किया था वही काम ये सरकार कर रही है.
ज्ञानवापी मामले पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट के जज डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम नोटिस जारी करेंगे और एक छोटी तारीख रखेंगे. इस बीच, हम एक निर्देश जारी करेंगे कि जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि जिस स्थान पर शिवलिंग पाये जाने का दावा किया गया है, उसकी सुरक्षा की जाए वाराणसी कोर्ट ने कहा था कि कोई वहां जाने ना पाए, लेकिन SC ने कहा- नमाज पढ़ने पर रोक नहीं होगी.
सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर शिवलिंग मिल जाता है, तो हमें संतुलन बनाए रखना होगा. ऐसे में हम जिला मजिस्ट्रेट को मुसलमानों को नमाज पढ़ने से रोके बिना जगह की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश देंगे.
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