मानसून जाते जाते फिर से उत्तर भारत के कई राज्यों में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहा है. मध्यप्रदेश(Madhya Pradesh) के कई जिलों में अगले 24 घण्टे के अंदर भारी बारिश का हाई अलर्ट जारी किया गया है. भारी बारिश से यूपी(Uttar Pradesh) के कई शहरों में बाढ़ जैसी हालात हो गई है. इधर राजस्थान (Rajasthan) के किसानों को बेमौसम बारिश ने काफी नुकसान पहुंचाया है. प्रशासन की तरफ से बारिश वाले इलाकों में बिना कारण नहीं घूमने की चेतावनी जारी कर दी गई है.
मध्यप्रदेश के किसानों पर आई आफत, अगले 24 घंटे हाई अलर्ट पर
मध्यप्रदेश में पिछले तीन दिन से रुक-रुक कर हो रही तेज बारिश की वजह से जहां एक तरफ आमजन का जनजीवन अस्त व्यस्त हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ किसानों की भी चिंता बढ़ा दी है. बारिश ने दशहरा पर्व को भी फीका कर दिया.
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान प्रदेश के 5 जिलो में भारी से अति भारी बारिश होने और प्रदेश के एक दर्जन से ज्यादा जिलो में भारी बारिश होने का अलर्ट जारी किया है. इसके साथ ही 6 संभागों में बिजली गिरने और चमकने का भी अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग का कहना है कि टर्फ लाइन मध्य महाराष्ट्र से और उत्तराखण्ड तक और राजस्थान से होकर गुजर रही है जिस कारण से मध्य प्रदेश में अगले 24 घंटे के दौरान भारी बारिश होने की संभावना है.
प्रदेश में इस समय सोयाबीन की फसल की कटाई चल रही है. कुछ किसानों की सोयाबीन की फसल निकल कर खलिहान में रखी है तो वही कुछ किसानों की फसल खेत में खड़ी है. दोनों ही परिस्थितियों में किसानों के लिए बारिश परेशानी का सबब बनी हुई है. जहां कटी फसल के बारिश में भीगकर सड़ने की संभावना है तो वही बारिश की वजह से खेत में पक कर तैयार खड़ी फसल की फली के अंदर से बीज अंकुरण होने की संभावना है.
ऐसे में मौसम विभाग की चेतावनी ने एक बार फिर आमजन और विशेषकर किसानो के चेहरे पर चिंता की लकीर जगा दी है. मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है जिसके अनुसार प्रदेश के ग्वालियर, दतिया ,भिंड, श्यौपुर कला और मुरेना ज़िलो में भारी से अति भारी बारिश होने की संभावना है. तथा अशोकनगर, गुना, शिवपुरी ,नीमच, मंदसौर, आगर, राजगढ़, देवास ,धार, अलीराजपुर, बड़वानी, झाबुआ और खरगोन में भारी बारिश होने की संभावना है.
गले चोबीस घंटें के दौरान टर्फ लाइन अभी मध्य महाराष्ट्र से और उत्तराखण्ड तक के और राजस्थान से होकर गुजर रही है जिस कारण से मध्य प्रदेश खास तौर से पश्चिम मध्य प्रदेश में जिसने की ग्वालियर दतिया भिंड श्यौपुर कला और मुरेना जिलो में भारी से अति भारी बारिश होने की संभावना है.एसएन साहू, मौसम वैज्ञानिक
राजस्थान में बेमौसम बारिश से फसलों को नुकसान
राजस्थान में पिछले दो दिनों 22 जिलों में जारी बेमौसम बारिश ने खेतों में तैयार पड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा दिया है. जयपुर और भरतपुर संभाग के ज्यादातर हिस्सों में लगातार हो रही बरसात के कारण के किसानों की खरीफ की फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई है. इससे बाजरा, मूंगफली,मक्का की तैयार फसल को बहुत नुकसान पहुंचा है. जयपुर, भरतपुर, हाड़ौती संभाग में तेज बारिश के दौरे ने जनजीवन पर भी असर डाला है. भरतपुर, करौली के निचले इलाकों में बाढ़ के हालात है.
प्रशासन ने बिना कारण बारिश वाले इलाकों में नहीं घूमने की चेतावनी भी जारी की है.
राजस्थान मौसम विभाग के निदेशक रोधेश्याम शर्मा के अनुसार प्रदेश में सक्रिय विक्षोभ का असर आगामी 3-4 दिन तक सक्रिय रहेगा. इसके पश्चिम की ओर आगे सरकने की गति धीमी पड़ने के कारण यह जयपुर और भरतपुर संभाग को अधिक भिगो रहा है. कृषि विभाग प्रदेश में चल रही बरसात रबी की फसल के लिए फायदेमंद रहेगी. उन्होंने कहा कि लगातार बरसात के कारण बाजरा, मूंगफली की फसल को नुकसान जरूर हुआ है. लेकिन रबी की सरसों, चना और गेहूं के बुवाई लिए धरती तैयार भी हुई है.
इधर सीएम अशोक गहलोत ने बीते 2 दिनों में राज्य में भारी बारिश के कारण कई जिलों में हुए फसलों के नुकसान के लिए किसानों को उचित मुआवजा देने के दिशा-निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि वे फसल खराबे की विशेष गिरदावरी करवाकर किसानों को राहत दिलवाना सुनिश्चित करें. गहलोत ने आमजन से भी अपील की है कि खराब मौसम में यथासंभव सावधानी बरतें एवं अनावश्यक घर से ना निकलें.
बारिश से यूपी के कई जिलों में जनजीवन अस्त व्यस्त, किसान चिंतित
उत्तर प्रदेश में बेलगाम बारिश का कहर बढ़ता ही जा रहा है. लखनऊ, आगरा, बहराइच, गोंडा से लखीमपुर खीरी तक कई जिलों में बारिश आफत बनकर बरसी है. पिछले 5 दिनों से घने काले बादलों से बरसात थमने का नाम नहीं ले रही है. इससे सीतापुर समेत कई जिलों में अक्टूबर में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. बदायूं जिले में भी कई जगह जल जमाव हो गया है. इस बारिश से किसानों पर भी आफत आ गई है. धान, उड़द,बाजरा,सरसों, मिर्ची की फसलों को भारी नुकसान से किसान काफी चिंतित हैं.
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