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IIT बॉम्बे में ‘जंगलराज’: क्लासरूम में गाय और हॉस्टल के पास तेंदुआ

पिछले कुछ दिनों से आईआईटी कैंपस में में जानवरों का आतंक बढ़ता जा रहा है

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देश के नामी गिरामी शैक्षणिक संस्थानों में से एक आईआईटी बॉम्बे में छात्रों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. दसअसल पिछले कुछ दिनों से आईआईटी कैंपस में जानवरों का आतंक बढ़ता जा रहा है. पहले आईआईटी मुंबई के एक क्लासरूप में एक गाय के घुस जाने का वीडियो वायरल हो गया. फिर सांडों का तांडव वाला वीडियो भी आया जिसमें एक छात्र बुरी तरीके से चोटिल गया.

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अब बीते शनिवार को कैंपस में तेंदुआ दिखाई देने से छात्रों के साथ-साथ यहां रहने वाले लोगों भी डरे हुए है.

क्विंट को मिली जानकारी के मुताबिक आईआईटी बॉम्बे के छात्रों ने प्रशासन को पत्र लिखकर कैंपस में सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है.

पहले सांड के हमले से बुरे तरीके से घायल हुआ छात्र

12 जुलाई को आईआईटी पवई में पढ़ने वाला छात्र अक्षय जब अपने रूम के पास खड़ा था तब अचानक उसपर एक बैल ने हमला कर दिया. हमला इतना भयानक था कि छात्र अपनी जगह से हिल भी नहीं पाया और दो सांडों ने उसे जोरदार धक्का मारकर चित कर दिया. छात्र इतनी बुरी तरीके से गिरा कि खुद उठने की हालत में नहीं था. सीसीटीवी फुटेज में देख सकते हैं कि हमला कितना जोरदार था. अक्षय अभी भी अस्पताल में भर्ती है.


क्लास में गाय घुसने का अजीब वाकया

कैंपस में जानवरों की पैठ कितनी बढ़ गई है ये एक और नमूना बताते हैं. आईआईटी बॉम्बे के क्लास रूम में लेक्चर के वक्त एक गाय सीधे क्लास रूम में घुस जाती है. क्लासरूम में अफरातरफी मच जाती है. छात्र आश्चर्यचकित हो जाते हैं.

लेकिन सवाल ये है की गाय क्लास तक पहुँची कैसे? क्या किसी सुरक्षा अधिकारी ने देखा नहीं? अगर देखा तो रोका नहीं. सुरक्षा पर लाखों रुपए खर्च किये जाते है फिर जिम्मेदारी क्यों तय नहीं होती?

तेंदुओं दिखने से हड़कंप

गाय सांड तो हमारे देश में आम है. देशभर की सड़कों पर देखे जा सकते हैं लेकिन तेंदुआ को देखकर किसी के भी पांव की जमीन खिसक जाए. बॉम्बे IIT के कैंपस 550 एकड़ में फैला हुआ है यहाँ होस्टल के अलावा कॉलेज का स्टाफ भी कैंपस के अंदर ही रहता है. बीते शनिवार को कैंपस में तेंदुआ दिखाई दिया. इसके बाद से यहां रहने वाले सभी लोग डरे हुए है.

देश के प्रीमियर एजुकेशन इंस्टीट्यूट में अगर ऐसा होगा तो सवाल उठना तो लाजमी है. ये घटनाएं आईआईटी बॉम्बे प्रशासन के लिए चेतावनी हैं कि समय रहते अगर जानवरों के बढ़ते आतंक को नहीं रोका गया तो कोई बड़ी घटना हो सकती है.

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