केंद्र सरकार ने बुधवार, 9 फरवरी को राज्यसभा में यह जानकारी दी है कि साल 2018 और 2020 के बीच 25,000 से अधिक भारतीयों बेरोजगारी या कर्ज में डूबे होने के कारण सुसाइड किया है. केंद्रीय बजट पर बहस के दौरान बेरोजगारी के मुद्दे पर हो रही चर्चा के बीच राज्य मंत्री (गृह) नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह सूचित किया.
राज्य मंत्री ने उच्च सदन को बताया कि इनमें से बेरोजगारी के कारण 9,140 लोग और दिवालियापन या कर्ज में डूबे होने के कारण 16,091 लोगों ने सुसाइड किया है. उन्होंने कहा कि ये सरकारी आंकड़े राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों पर आधारित हैं.
मौजूदा बजट सत्र के दौरान संसद के अंदर विपक्षी सांसदों द्वारा कई बार बेरोजगारी का मुद्दा उठाया गया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट 2022 में कोविड -19 के कारण देश के सामने मौजूद चुनौतियों से निपटने के लिए बहुत कम प्रावधान किए गए हैं.
क्या कहते हैं आंकड़े
आंकड़ों के अनुसार देश में बेरोजगारों में आत्महत्याओं की घटना बढ़ रही हैं और 2020 के जब देश महामारी से जूझ रहा था, उस वर्ष में यह उच्चतम स्तर (3,548) पर थी. जबकि 2018 में 2,741 लोगों और 2019 में 2,851 लोगों ने बेरोजगारी के कारण अपना जीवन समाप्त किया था.
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