भारतीय रेलवे नए वित्तीय वर्ष से यात्रियों को नई सुविधा देने जा रहा है. अब रेलवे भी एयरलाइंस की तरह एक ही यात्रा के दौरान एक के बाद दूसरी ट्रेन में सफर करने की स्थिति में ज्वाइंट पैसेंजर नेम कार्ड (PNR) जारी करेगा.
इस नियम के तहत पहली ट्रेन के देर होने की वजह से अगर यात्रियों की दूसरी ट्रेन छूट जाती है, तो वे बिना किसी चार्ज के आगे की यात्रा रद्द कर सकते हैं. एक अप्रैल से लागू होने वाला ये नियम सभी क्लास पर लागू होगा.
आइए जानते हैं इस नियम से आपको और क्या-क्या फायदे हो सकते हैं.
ट्रेन का टिकट बुक करने पर आपको एक PNR नंबर मिलता है, जो यूनिक कोड होता है. इससे आपको ट्रेन और सफर के बारे में जानकारी लेने में मदद मिलती है. अगर आपने दो ट्रेन बुक की हैं, तो आपके लिए 2 PNR जारी किए जाएंगे. चाहे आपने टिकट ऑनलाइन बुक की हो या काउंटर से लिया हो, रेलवे ने नियमों में बदलाव करके 2 PNR को लिंक करना आसान कर दिया है. ऐसे में यात्रियों को पहले के मुकाबले रिफंड मिलने में आसानी होगी. लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें भी रखी गई हैं.
रिफंड पाने के लिए जरूरी है कि दोनों टिकटों में पैसेंजर की जानकारी एक जैसी होनी चाहिए. इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि इस पर रिफंड आपको तभी मिल पाएगा, जब आपकी पहली ट्रेन पहुंचने का और दूसरी ट्रेन पकड़ने का स्टेशन एक ही होगा.
अब जानते हैं PNR लिंक होने के बाद आपको रिफंड के लिए किन नियमों का पालन करना पड़ेगा.
- ये नियम सभी वर्गों के लिए मान्य होंगे.
- अगर आपको किसी स्टेशन पर रिफंड नहीं मिल पाता है, तो आपने जो TDR भरा है, वो तीन दिन के लिए मान्य होगा. रिफंड का पैसा आप CCM या रिफंड ऑफिस से प्राप्त कर सकते हैं.
- अगर आपने काउंटर से रिजर्वेशन करवाया है, तो पहली ट्रेन आने के असल समय के तीन घंटे के भीतर आप दूसरी ट्रेन का टिकट कैंसिल करा सकते हैं. इसके रिफंड का पैसा भी आपको काउंटर पर आसानी से मिल जाएगा.
- इसके अलावा अगर आपने ऑनलाइन रिजर्वेशन किया है, तो पहली ट्रेन पहुंचने वाले स्टेशन और जहां से दूसरी ट्रेन पकड़नी है, उस स्टेशन पर आपको TDR भरना होगा.
- साथ ही ये ध्यान रखें कि आपको रिफंड तभी मिल पाएगा, जब आप टीडीआर में मुख्य ट्रेन के लेट होने सी वजह से अपनी दूसरी ट्रेन छूटने की वजह बताएंगे.
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