इजरायल की नेतन्याहू सरकार पर एक बार फिर संकट गहरा रहा है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गठबंधन सरकार बजट पारित करने में कामयाब नहीं रही जिसके बाद मंगलवार कोसरकार गिर गई. इसी बीच संसद को भंग कर दिया गया है. इजरायल में महज दो साल में चौथी बार हुआ है कि जब देश आम चुनाव के करीब पहुंच गया है.
दरअसल, गठबंधन सरकार के सहयोगी और रक्षामंत्री बेनी गांट्ज ने नेतन्याहू पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इजरायल में चौथे आम चुनाव अगले साल मार्च में हो सकते हैं.
2 साल से राजनीतिक संकट से जूझ रहा है इजरायल
बता दें कि इजरायल में 2009 से लिकुड पार्टी के नेता बेंजामिन नेतन्याहू प्रधानमंत्री पद पर हैं. नेतन्याहू इजरायल में सबसे लम्बे समय तक प्रधानमंत्री बने रहने वाले व्यक्ति भी हैं. लेकिन पिछले 2 साल से इजरायल में राजनीतिक संकट जारी है.
दरअसल, इजरायल में अप्रैल 2019 में विधायी चुनाव हुए थे, जिसमें नेतन्याहू के सामने एक नए प्रतिद्वंदी थे, ब्लू एंड वाइट पार्टी के बैनी गांट्ज. इनका राजनीति में आने का मुख्य उद्देश्य तथाकथित रूप से भ्रष्ट नेतन्याहू को सत्ता से हटाना था. बैनी गांट्ज की पार्टी ने चुनाव में बहुत कम समय में ही 35 सीटें प्राप्त कर लीं, जो की नेतन्याहू की पार्टी के बराबर थी. अप्रैल 2019 के चुनावों का नतीजा ये रहा कि दोनों पार्टियों को 35-35 सीटें मिली. कोई भी पार्टी बहुमत के लिए जरूरी 60 सीटें प्राप्त नहीं कर सकी और ना कोई गठबंधन सरकार बना सका. इसके बाद इजरायल के राष्ट्रपति ने 17 सितंबर 2019 को पुन: चुनाव कराने की घोषणा कर दी.
दोबारा चुनाव में नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को 32 सीटें और ब्लू एंड वाइट पार्टी को 33 सीटें मिलीं. इस चुनाव में भी एक बार फिर कोई भी पार्टी सरकार नहीं बना सकी और राष्ट्रपति ने फिर नए चुनाव कि घोषणा कर दी. 2 मार्च 2020 को फिर चुनाव हुए, जिसमें लिकुड को 36 सीटें और ब्लू एंड वाइट को 33 सीटें मिली. इस बार नेतन्याहू को लगा कि वो इस बार सरकार बना लेंगे, लेकिन नहीं बना पाए. राजनीतिक अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए 16 अप्रैल 2020 को इजरायल के राष्ट्रपति ने संसद के सभी सदस्यों से कह दिया कि या तो वो सरकार बना लें अन्यथा चौथी बार चुनाव होंगे.
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