दिल्ली पुलिस ने जहांगीर पुरी हिंसा (Delhi's Jahangirpuri Violence) मामले में रोहिणी कोर्ट में अपनी चार्जशीट गुरुवार, 14 जुलाई को फाइल कर दी. दिल्ली पुलिस ने हिंसा के 37 आरोपियों के खिलाफ 2063 पन्नों की इस चार्जशीट को दाखिल किया है. न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने चार्जशीट पर विचार करने के लिए 28 जुलाई की तारीख निर्धारित की है.
इस 2063 पन्नों की चार्जशीट में क्या क्या है?
दायर दो हजार शब्दों की इस चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि जहांगीरपुरी हिंसा दरअसल 2019-2020 के बीच नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ शाहीन बाग में हुए विरोध-प्रदर्शन और फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगे की "निरंतरता/continuation" थी. पुलिस के अनुसार जहांगीरपुरी हिंसा अप्रैल में देश के कई हिस्सों में रामनवमी के आसपास हुई अशांति के बाद और बढ़ गयी.
बता दें कि 16 अप्रैल को दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के अवसर पर दो गुटों के बीच साम्प्रदायिक झड़प हुई थी. इसके बाद पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था जबकि दिल्ली की MCD ने क्षेत्र में कथितअवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया. हिंसा के दो दिन बाद 18 अप्रैल को मामले की जांच क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दी गई थी.
चार्जशीट के अनुसार अबतक इस केस में कुल 37 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं जबकि 8 अभी भी फरार हैं.
चार्जशीट के अनुसार दिल्ली पुलिस ने जहांगीरपुरी हिंसा में अबतक की जांच में निम्न बातें पाई हैं और जांच यहां तक पहुंची है:
आठ आरोपी फरार हैं, जिनके खिलाफ CrPC की धारा 82 के तहत कार्रवाई जारी है.
दिल्ली पुलिस ने कुल नौ बन्दूक, पांच जिंदा कारतूस, दो खाली कारतूस, नौ तलवारें और घटना के समय पहने और वीडियो में देखे गए 11 आरोपियों के कपड़े बरामद किए हैं.
जहांगीरपुरी में कुसल सिनेमा रोड पर लगे 28 CCTV कैमरे और सी-ब्लॉक में लगे 30 CCTV कैमरे से फुटेज मंगाया गया है और विश्लेषण किया गया.
इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से 34 वायरल वीडियो और 56 वीडियो जमा किए गए और उनका विश्लेषण किया गया.
गिरफ्तार किए गए 37 आरोपियों में से 20 सीसीटीवी फुटेज या वायरल वीडियो में देखे गए हैं.
आरोपियों के पास से कुल 21 फोन जब्त किए गए हैं.
कुल 132 गवाहों से पूछताछ की गई, जिनमें से 85 पुलिस वाले और 47 सार्वजनिक व्यक्ति/डॉक्टर और अन्य हैं.
प्रिंसिपल जेजे बोर्ड के सामने दो किशोरों के खिलाफ PIR दर्ज की गई है.
जांच में कुल 13 टीमों को तैनात किया गया था.
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