जम्मू-कश्मीर के बेसकैंप से बाबा बर्फबारी अमरनाथ यात्रा के लिए बुधवार को पहला जत्था रवाना हो गया है. जम्मू-कश्मीर के उप-मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कड़ी सुरक्षा के बीच 4,000 यात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई.
आतंकवादी हमले की चेतावनी
खुफिया रिपोर्ट ने इस यात्रा पर आतंकवादी हमले की चेतावनी दी है. प्रशासन ने सैटेलाइट ट्रैकिंग सिस्टम शामिल कर सुरक्षा पैमाने को उच्चतम स्तर पर पहुंचा दिया है.
पुलिस महानिरीक्षक मुनीर खान ने सेना, सीआरपीएफ और राज्य के कई डीआईजी को लेटर लिखकर कहा है, ''एसएसपी अनंतनाग से मिले खुफिया इनपुट के मुताबिक आतंकवादियों को 100 से 150 श्रद्धालुओं और करीब 100 पुलिस अधिकारियों की हत्या करने के लिए कहा गया है.''
पुलिस, सेना, बीएसएफ और सीआरपीएफ को मिलाकर जम्मू-कश्मीर में 35,000 से 40,000 सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. सीआरपीएफ के विशेष महानिदेशक एस एन श्रीवास्तव ने कहा कि इस यात्रा को किसी भी घटना से बचाने के लिए सबसे बड़ा सुरक्षा तंत्र स्थापित किया गया है.
खुफिया चेतावनी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'मैं सार्वजनिक रुप से इस पर बात करना नहीं चाहूंगा, लेकिन आप कश्मीर की स्थिति को जानते हैं. हमने खूफिया इनपुट के आधार पर मापदंड बनाए हैं और सुरक्षा का सही इंतजाम किया है.'
इस बार अमरनाथ यात्रा के लिए 2.30 लाख यात्रियों ने पंजीकरण कराया है. ये तीर्थयात्रा 40 दिन तक चलती है. अमरनाथ की पवित्र गुफा जम्मू से से 200 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिणी कश्मीर के पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है.
(इनपुट भाषा से)
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