ADVERTISEMENTREMOVE AD

HEC की वर्षगांठ के दिन रांची में PM मोदी, क्या लौटेगी मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्री की सांसें?

Heavy Engineering Corporation, Ranchi: कभी देश में मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्री के तौर पर मशहूर रही इस कंपनी की “सांसें” अब उखड़ रही हैं

Published
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

15 नवंबर, 1963 को देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू (Pt Jawaharlal Nehru) ने रांची में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी HEC (हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन) को देश को समर्पित किया था. इसे संयोग ही कहेंगे कि इस 15 नवंबर को कंपनी जब 60वें साल में प्रवेश कर रही है, तब मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) रांची में होंगे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
कभी देश में मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्री के तौर पर मशहूर रही इस कंपनी की “सांसें” अब उखड़ रही हैं और वह अपने पुनर्जीवन के लिए प्रधानमंत्री से गुहार लगा रही है.

हाल यह है कि इसरो, रेलवे, सेल, माइनिंग सेक्टर, कोयला उद्योग सहित विभिन्न सेक्टरों से करीब 1,500 करोड़ का वर्क ऑर्डर हाथ में होने के बावजूद HEC के पास वर्किंग कैपिटल नहीं है और यहां स्थायी-अस्थायी तौर पर काम करने वाले चार हजार से भी ज्यादा कामगार और अफसर 17-18 महीने से वेतन की बाट जोह रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 और 15 नवंबर को झारखंड में रहेंगे.

पीएम मोदी 15 नवंबर को भी इसी गेट से होकर वापस एयरपोर्ट जाएंगे. HEC के कामगारों को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री तक उनकी गुहार पहुंचेगी और वह कारखाने के पुनरुद्धार के लिए जरूर किसी रोडमैप का ऐलान करेंगे.

पांच साल के घाटे में है HEC

पिछले दिनों केंद्र सरकार ने संसद में एक सवाल के जवाब में बताया था कि HEC लगातार पांच साल से घाटे में है. सरकार के जवाब के मुताबिक साल 2018-19 में HEC को 93.67 करोड़ रुपए, साल 2019-20 में 405.37 करोड़ रुपए, साल 2020-21 में 175.78 करोड़ रुपए, साल 2021-22 में 256.07 करोड़ रुपए और साल 2022-23 में 283.58 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है.

जाहिर है, केंद्रीय सहायता प्राप्त हुए बगैर लगातार घाटा झेल रही कंपनी का पुनरुद्धार संभव नहीं माना जा रहा.

HEC के मजदूर संगठनों ने प्रधानमंत्री के झारखंड दौरे से पहले HEC मुख्यालय से लेकर बिरसा चौक (HEC टाउनशिप मेन गेट) तक कैंडल मार्च निकालने का फैसला किया है. कारखाने की ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान वे HEC की समस्याओं के संबंध में विस्तार से प्रधानमंत्री को जानकारी दे सकें.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मजदूर नेता भवन सिंह ने कहा कि

वो मुख्यमंत्री से आग्रह करेंगे कि वे स्थापना दिवस के दिन प्रधानमंत्री के समक्ष HEC के कर्मियों की समस्याओं को रखें. HEC की तीन फैक्ट्रियों में करीब चार हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं. उनमें से पंद्रह सौ स्थायी मजदूर हैं बाकी ढाई हजार अस्थायी मजदूर हैं. इन मजदूरों का वेतन नियमित न होने से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने भी प्रधानमंत्री से झारखंड दौरे के दौरान HEC के पुनरुद्धार के लिए रोडमैप का ऐलान करने की मांग की है.

JMM महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री झारखंड के दौरे पर आ रहे हैं, उन्हें उलिहातू की अपनी यात्रा के दौरान HEC को पुनर्जीवित करने का ऐलान करना चाहिए.

(इनुपट- IANS)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×