महाराष्ट्र (Maharashtra) के पुणे (Pune) में 9 फरवरी को पत्रकार निखिल वागले और दो अन्य लोगों की कार पर हमला करने का मामला सामने आया है. कथित तौर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमला करने का आरोप है. निखिल वागले ने आरोप लगाया कि पुलिस जानती थी कि हमला होनेवाला है.
निखिल वागले की कार पर हमला तब हुआ, जब वे कार्यकर्ता विश्वंभर चौधरी और वरिष्ठ वकील असीम सरोदे के साथ एक कार्यक्रम 'निर्भय बानो- फाइट फॉर डेमोक्रेसी एंड फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन' में भाग लेने जा रहे थे. इस कार्यक्रम में निखिल वागले मुख्य वक्ता थे.
आरोपियों ने निखिल की कार पर स्याही, पत्थर और अंडे फेंके.
बीजेपी की स्थानीय इकाई ने वागले के कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर कार्यक्रम के आयोजकों को चेतावनी दी थी. तनाव को देखते हुए कार्यक्रम के आयोजन स्थल पर पुलिस की भारी तैनाती की गई.
पुलिस ने अब तक हमले और हमलावरों की पहचान पर कोई बयान जारी नहीं किया है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने के बाद वागले के खिलाफ कथित विवादित टिप्पणी को लेकर पुणे के विश्रामबाग पुलिस स्टेशन में 9 फरवरी को मामला दर्ज किया गया है. ये मामला बीजेपी नेता सुनील देवधर की ओर से दर्ज करवाया गया है.
पत्रकार निखिल वागले ने कहा कि ये एफआईआर इसलिए दर्ज कराए गए हैं ताकि पुणे के कार्यक्रम में उनके संबोधन को रोका जा सके.
निखिल वागले का आरोप-BJP अध्यक्ष ने दी धमकी
निखिल वागले ने ट्वीट किया...
"पुणे शहर के बीजेपी अध्यक्ष ने धमकी दी है कि अगर पुलिस ने कार्यक्रम पर प्रतिबंध नहीं लगाया तो कल शाम साने गुरुजी स्मारक में होने वाली हमारी निर्भय बानो कार्यक्रम में खलल डाला जाएगा. साथियों, यह बैठक अघोषित आपातकाल के खिलाफ है. हमें अपने लोकतंत्र को बचाने की जरूरत है."
वागले ने पुलिस पर लगाए आरोप
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वागले ने कहा, "पुलिस को पता था कि हमला होने वाला है. लेकिन उन्होंने वैसा ही काम किया, जैसा फिल्मों में पुलिस करती है. महाराष्ट्र की पुलिस फोर्स बीजेपी की जेब में है."
"अगर इस हमले के लिए कोई जिम्मेदार है तो वह पुणे पुलिस है. यह मेरा स्पष्ट आरोप है. वे जानते थे कि क्या होने वाला है लेकिन फिर भी उन्होंने ऐसा होने का मौका दिया. इस ट्रिपल इंजन सरकार ने महाराष्ट्र को बर्बाद कर दिया है."निखिल वागले, पत्रकार
महाविकास अघाड़ी ने हमले की निंदा की
महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (MVA) के नेताओं ने हमले की कड़ी निंदा की है. एनसीपी (शरदचंद्र पवार) सांसद सुप्रिया सुले ने निखिल वागले पर हुए हमले को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया है.
उन्होंने ट्वीट किया, ''सच की आवाज और पत्रकारिता की किरण निखिल वागले पर हमले की कड़ी निंदा करती हूं. यह सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं है, बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी हमला है. बीजेपी शासन के तहत महाराष्ट्र में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है और सख्त जवाबदेही की आवश्यकता है.
बीजेपी के भी होंगे तो भी करेंगे कार्रवाई: फडणवीस
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा..
"किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए. जो कोई भी जिम्मेदार होगा, चाहे वह बीजेपी से हो या नहीं, हम कार्रवाई करेंगे. लेकिन साथ ही देश के कद्दावर नेताओं के खिलाफ आपत्तिजनक बयानों का इस्तेमाल करते हुए लोगों की भावनाएं भड़काना गलत है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसी की टिप्पणी कितनी आपत्तिजनक है, कानून व्यवस्था बनाए रखना हमारी और पुलिस की जिम्मेदारी है और वे अपना काम अच्छे से करेंगे."
वहीं महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा कि लोकतंत्र में अराजकता का कोई स्थान नहीं है. पवार पुणे के प्रभारी मंत्री भी हैं.
उन्होंने कहा, " शाहू, फुले और आंबेडकर के महाराष्ट्र में ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी. कोई भी कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता. मैं पुलिस कमिश्नर से बात करूंगा. मैं सीसीटीवी फुटेज की जांच करने और गवाहों की जांच करने का आदेश दूंगा."
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