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PAK का कथित समर्थन करने वाले कश्मीरी छात्र रिहा,चार्जशीट फाइल नहीं कर पाई पुलिस

कश्मीरी छात्रों पर NSA लगाने के लिए पुलिस 6 महीने में राज्यपाल की सहमति भी नहीं ले पाई

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भारत
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अक्टूबर 2021 में टी20 विश्व कप के दौरान भारत पर पाकिस्तान (Pakistan) की जीत के बाद तथाकथित तौर पर जश्न मनाने के आरोप में तीन कश्मीरी छात्रों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था. आगरा के आरबीएस कॉलेज के तीन कश्मीरी छात्रों को कई महीनों तक जेल में रहना पड़ा उसके बाद जमानत मंजूर होने के बाद भी वो जेल में थे. कई दिनों बाद सोमवार, 25 अप्रैल को उन्हें जमानत पर रिहा किया गया है.

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रिपोर्ट्स के मुताबिक जमानत के लिए लगाए गए कागजों के वेरिफिकेशन में देरी होने की वजह से छात्रों की रिहाई में काफी वक्त लग गया. मथुरा के रहने वाले एडवोकेट मधुवन दत्त चतुर्वेदी ने कोर्ट में छात्रों का केस लड़ा.

बता दें कि तीनों कश्मीरी इंजीनियरिंग छात्रों को वॉट्सऐप पर कथित तौर पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के बाद कॉलेज से निलंबित भी कर दिया गया था.

कैसे मिली जमानत?

तीनों कश्मीरी छात्रों को जमानत इसलिए मिल सकी क्योंकि न तो मामले में पुलिस चार्जशीट दाखिल कर पाई और न ही पुलिस को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई करने करने के लिए राज्यपाल की अनुमति मिल सकी.

छात्रों के स्थानीय अधिवक्ता दीपक चौधरी ने बताया की हाईकोर्ट द्वारा जमानत मंजूर किये जाने के बाद किसी भी स्थानीय व्यक्ति ने उनकी जमानत नहीं ली. जमानत को वेरिफिकेशन के लिए कश्मीर भेजा गया था, जिसकी वजह से रिहाई में देरी हुई.

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मामले में तीनों छात्रों पर देशद्रोह की धारा लगाई गई थी, इस मुकदमे की चार्जशीट तय समय में दाखिल करने के साथ शासन या राज्यपाल की अनुमति जरूरी होती है.

कश्मीरी छात्रों के वकील ने दलील दी थी की ऐसे कई मामले हैं, जिनमें इस आधार पर मुकदमे की कार्रवाई रोक दी गयी है. इस प्रकार शासन की लापरवाही के चलते कश्मीरी छात्रों के मामले में राहत दी जानी चाहिए. इसी आधार पर हमने सेशन कोर्ट में अपील कर रिहाई की मांग की थी और पुनर्विचार की अपील की थी.

इनपुट- मानवेन्द्र मल्होत्रा

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