लखनऊ के विवेक तिवारी मर्डर केस को लेकर योगी सरकार की काफी किरकिरी हुई. कानून व्यवस्था के साथ-साथ पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठे. लेकिन अब इस केस ने योगी सरकार में बने जातिगत धड़ों की भी पोल खोल दी है. विवेक तिवारी मर्डर केस को लेकर योगी सरकार के मंत्री और पार्टी के सांसद-विधायक, ब्राह्मण-ठाकुर के तौर पर जातिगत धड़ों में बंटे दिख रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में खुले आम चर्चा चल रही है कि योगी सरकार में शामिल ब्राह्मण मंत्रियों ने विवेक तिवारी के परिवार के प्रति एकता जताई और सिस्टम में पनप रहे जातिगत असंतोष को हवा दे दी है.
योगी सरकार में शामिल ब्राह्मण मंत्रियों ने खुलकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए और बड़े अफसरों पर इस मामले में लीपापोती करने का आरोप भी लगाया.
ब्राह्मण-ठाकुर के बीच खिंची लकीर
गृह मंत्रालय का जिम्मा खुद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के पास है. इसके बावजूद, योगी सरकार में मंत्री ब्रजेश पाठक और रीता बहुगुणा जोशी ने यूपी पुलिस की जमकर आलोचना की.
दूसरी तरह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, परिवार की मांग के बावजूद विवेक तिवारी के घर नहीं गए. हालांकि उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा घटना के दो दिन बाद मुख्यमंत्री योगी से मिलाने के लिए विवेक तिवारी के परिवार को लेकर मुख्यमंत्री आवास लेकर गए.
क्या प्रशासन जाति के आधार पर बंटा
योगी सरकार में कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने आरोप लगाया था कि पुलिस विवेक तिवारी मर्डर केस को कमजोर करने के लिए तथ्यों से छेड़छाड़ कर रही है. वहीं महिला एवं बाल कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने विवेक तिवारी के परिवार से कहा था, 'पुलिसवालों में गर्मी चढ़ी हुई है.'
पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ ब्राह्मण नेता कलराज मिश्र ने भी इस मामले में यूपी पुलिस पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, "जिस तरह विवेक तिवारी की हत्या की गई है, वो बहुत निंदनीय है. ये पुलिस विभाग पर धब्बा है, गोली चलाकर मार देना किस तरह का अधिकार है."
SP-BSP का भी सीएम पर निशाना
बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने भी पीड़ित के घर न जाने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा था. बीएसपी चीफ मायावती ने अपने विश्वस्त सतीश चंद्र मिश्रा को पीड़ित परिवार से मुलाकात करने भेजा था. वहीं एसपी चीफ अखिलेश यादव पीड़ित परिवार से मुलाकात करने खुद पहुंचे थे. सतीश मिश्रा खुद वकील हैं और उन्होंने पीड़ित परिवार को कानूनी लड़ाई में हर संभव मदद करने का वादा किया था.
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी पीड़ित परिवार से फोन पर बात कर चुके हैं.
विवेक तिवारी मर्डर केस?
28 सितंबर की रात लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में एपल कंपनी के मैनेजर विवेक तिवारी को यूपी पुलिस के कॉन्स्टेबल ने गोली मार दी थी. जिसमें उनकी मौत हो गई थी. इस मामले में कॉन्टेबल प्रशांत को गिरफ्तार किया जा चुका है.
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